ETV Bharat / state

सीबीएसईः दसवीं-बारहवीं की परीक्षा फीस बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टल गई है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

author img

By

Published : Nov 12, 2020, 9:34 PM IST

delhi high court defers hearing on cbse examination fees
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई की ओर से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच आज नहीं बैठी, जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

सीबीएसईः दसवीं-बारहवीं की परीक्षा फीस बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने की मांग

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीएसई को नोटिस जारी किया था. याचिका पैरेंट्स फोरम फॉर मिनिंगफुल एजुकेशन नामक एनजीओ ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील पीएस शारदा और क्षितिज शारदा ने कहा कि सीबीएसई ने 201-15, और 2017-18 के मुकाबले 2019-20 के लिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस कई गुना बढ़ा दिया है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई को फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने का आदेश दिया जाए.

'एम्पावर्ड कमेटी का गठन हो'

याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के लिए फीस निर्धारित करने के लिए एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया जाए. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फीस के निर्धारण की प्रक्रिया तय की जाए. याचिका में कहा गया है कि शिक्षा बच्चों का संवैधानिक अधिकार है. इसके लिए परीक्षा का आयोजन भी छात्रों के हितों के ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. ऐसे फैसले नहीं लिए जाने चाहिए जिससे छात्रों के हित टकराएं. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने में असफल रही है.

'गरीब छात्रों परीक्षा नहीं दे पाएंगे'

याचिका में कहा गया है कि दसवीं और बारहवीं के फीस कई गुणा बढ़ाकर आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सीधे-सीधे प्रभावित करेगा. कई छात्र फीस नहीं दे पाने की वजह से परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे. इसलिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस के निर्धारण के लिए एक स्थायी मेकानिज्म बनाया जाए.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई की ओर से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच आज नहीं बैठी, जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

सीबीएसईः दसवीं-बारहवीं की परीक्षा फीस बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने की मांग

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीएसई को नोटिस जारी किया था. याचिका पैरेंट्स फोरम फॉर मिनिंगफुल एजुकेशन नामक एनजीओ ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील पीएस शारदा और क्षितिज शारदा ने कहा कि सीबीएसई ने 201-15, और 2017-18 के मुकाबले 2019-20 के लिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस कई गुना बढ़ा दिया है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई को फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने का आदेश दिया जाए.

'एम्पावर्ड कमेटी का गठन हो'

याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के लिए फीस निर्धारित करने के लिए एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया जाए. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फीस के निर्धारण की प्रक्रिया तय की जाए. याचिका में कहा गया है कि शिक्षा बच्चों का संवैधानिक अधिकार है. इसके लिए परीक्षा का आयोजन भी छात्रों के हितों के ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. ऐसे फैसले नहीं लिए जाने चाहिए जिससे छात्रों के हित टकराएं. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने में असफल रही है.

'गरीब छात्रों परीक्षा नहीं दे पाएंगे'

याचिका में कहा गया है कि दसवीं और बारहवीं के फीस कई गुणा बढ़ाकर आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सीधे-सीधे प्रभावित करेगा. कई छात्र फीस नहीं दे पाने की वजह से परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे. इसलिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस के निर्धारण के लिए एक स्थायी मेकानिज्म बनाया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.