नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के नगर निगमों में स्पेशल एजुकेटर्स के एक हजार खाली पड़े पदों पर नियुक्ति नहीं करने पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है. जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने नगर निगम को 27 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
HC ने दिया था निर्देश
याचिका सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 25 फरवरी को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि दो हफ्ते के अंदर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम स्कूलों में खाली पड़े स्पेशल एजुकेटर्स के पदों की नियुक्ति के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को आग्रह पत्र भेजे. हाईकोर्ट ने नए शिक्षण सत्र के पहले शिक्षकों की नियुक्ति का काम पूरा कर लेने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था.
डीएसएसएसबी से नहीं किया गया था आग्रह
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि इस संबंध में आरटीआई के जरिये सूचना मिली कि अभी तक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से डीएसएसएसबी से कोई आग्रह नहीं किया गया है कि नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाले. आज सुनवाई के दौरान डीएसएसएसबी ने कहा कि उसे अभी ऐसा कोई आग्रह पत्र नहीं मिला है. सुनवाई के दौरान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि इसमें देरी की मुख्य वजह ये है कि स्पेशल एजुकेटर्स की नियुक्ति के लिए उम्र की छूट देने के मामले पर उप-राज्यपाल के यहां मामला लंबित है. इस पर कोर्ट नाराज हो गई और कहा कि आप इस पर अनावश्यक रुप से देरी कर रहे हैं. इससे छात्रों को काफी नुकसान हो रहा है.
एक हफ्ते में जवाब तलब
कोर्ट की नाराजगी के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने जवाब देने के लिए समय मांगा. जिसके बाद कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. वकील अशोक अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि अगली सुनवाई के पहले डीएसएसएसबी को स्पेशल एजुकेटर्स की नियुक्ति के लिए आग्रह भेज दिया जाएगा और नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.