नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज को खोलने की इजाजत दे दी है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि जब दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, दूसरे धार्मिक स्थानों में जाने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है तो मरकज के लिए भी संख्या सीमित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इस मामले की सुनवाई कल यानी 13 अप्रैल को भी होगी.
'जब दूसरे धर्म स्थानों पर संख्या सीमित नहीं है तो मरकज में क्यों'
कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की उस दलील को खारिज कर दिया कि पुलिस की ओर से वेरिफाई किए 200 लोगों में से 20 को एक बार में जाने की अनुमति दी जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि मरकज को चलाने वाले लोगों की सूची स्थानीय एसएचओ को दी जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि सोमवार को स्थानीय एसएचओ की उपस्थिति में मरकज की जांच की जाएगी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज पढ़ने के लिए संख्या तय की जा सके. जांच के दौरान नमाज पढ़ने के लिए स्थान को चिह्नित किया जा सके. उन चिह्नित स्थानों पर नमाजियों के लिए मैट की व्यवस्था की जाये.
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हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वकील रजत नायर ने कहा कि उस इलाके की मॉनिटरिंग करनी पड़ेगी. नायर ने कहा कि मस्जिद में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं. इस पर दिल्ली वक्फ बोर्ड ने कहा कि इसे जल्द ही लगाया जाएगा. पिछले 24 मार्च को कोर्ट ने मरकज के अंदर मस्जिद में 50 लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी. हाईकोर्ट के इस फैसले का दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और ओखला विधानसभा के विधायक अमानतुल्लाह खान ने स्वागत किया है.
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रमजान के दौरान मस्जिद में पढ़ना चाहते हैं नमाज
सुनवाई के दौरान वक्फ ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. रमजान के दौरान कई लोग मस्जिद में नमाज पढ़ना चाहते हैं. उसके बाद कोर्ट ने 12 अप्रैल को अगली सुनवाई का आदेश दिया. बता दें कि कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद मार्च 2020 से निजामुद्दीन मरकज को बंद कर दिया गया. मरकज में आने वाले कई विदेशियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.