नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को ट्यूब के जरिये ब्रीद एनालाइजर टेस्ट करने की अनुमति दे दी है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने नागरिक उड्डयन महानिदेशक को निर्देश दिया कि वो मेडिकल बोर्ड की उस अनुशंसा को लागू करें जिसमें एक मशीन का इस्तेमाल एक व्यक्ति के लिए हो और 12 घंटे के बाद उसका इस्तेमाल नहीं किया जाए.
नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने हाईकोर्ट के 23 मार्च के आदेश में बदलाव करने और मेडिकल बोर्ड की अनुशंसाओं को लागू करने की मांग की थी. मेडिकल बोर्ड की अनुशंसाओं में कहा गया है कि ब्रीद एनालाइजर के लिए ट्यूब मशीन का इस्तेमाल एक व्यक्ति पर ही हो और उसे 12 घंटे के बाद इस्तेमाल में नहीं लाया जाए.
यात्रियों के हित में संतुलन जरूरी
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और यात्रियों के हित में संतुलन बनाने की जरुरत है. कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि पायलटों का भी सीमित तरीके से ब्रीद एनालाइजर टेस्ट किया जा रहा है. दरअसल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ब्रीद एनालाइजर टेस्ट पर रोक लगाने की मांग की थी.
टेस्ट से कोरोना के संक्रमण की आशंका
गिल्ड ने कोरोना की जांच के लिए ट्यूब के जरिये ब्रीद एनालाइजर टेस्ट पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि रैंडम आधार पर दस फीसदी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर का ब्रीद एनालाइजर टेस्ट होता है. जिसमें ऐसे उपकरणों का उपयोग किया जाता है जिससे कोरोना के संक्रमण की आशंका है.