नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 90 फीसदी को पार कर चुकी है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने इसे संतोषजनक बताया है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दिल्ली के हालात को लेकर मीडिया से बातचीत में सत्येंद्र जैन ने ये भी कहा कि दिल्ली में अभी कोरोना के मात्र 10,346 केस हैं, जो कुल आंकड़े का लगभग 7 फीसदी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में अभी मात्र 20 फीसदी बेड्स पर ही मरीज हैं.
'कभी 7 दिन था डबलिंग रेट'
सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में अभी कुल 13 हजार बेड हैं. जिनमें से 3115 पर मरीज हैं. डबलिंग रेट के मामले में दिल्ली अभी पहले कि तुलना में ठीक स्थिति में दिख रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में डबलिंग रेट 50 दिन से ऊपर जा चुका है. जबकि देश का डबलिंग रेट अभी 20 दिन के आसपास है. सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में एक समय डबलिंग रेट 7 दिन हुआ करता था.
'कर रहे कोरोना ट्रेंड का रिव्यू'
बीते दिन दिल्ली में मात्र 707 मामले सामने आए थे. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि हम एक दिन के मामलों को लेकर मत नहीं बना सकते. क्या कम होते मामलों को देखते हुए अस्पतालों के ओपीडी खोले जाएंगे. इस सवाल पर सत्येंद्र जैन का कहना था कि इसे लेकर हम रिव्यू कर रहे हैं. कुछ दिन के आंकड़ों को देखकर कोई फैसला नहीं कर सकते. ये कभी 700, तो कभी 1200 और 1400 भी हो जाते हैं. इस ट्रेंड को लम्बे समय तक देखना पड़ेगा.
'नहीं कम कर सकते तैयारी'
सत्येंद्र जैन ने देश और दुनिया में लगातार बड़ी संख्या में सामने आ रहे कोरोना के मामलों का भी जिक्र किया. कहा कि हम अपनी तैयारियों में कमी नहीं कर सकते. उनका ये भी कहना था कि दिल्ली में करीब एक तिहाई लोग बाहर के राज्यों से आ रहे हैं, इलाज कराने के लिए. आपको बता दें कि दो दिन पहले भी सत्येंद्र जैन ने ये बात कही थी और तब भाजपा की तरफ से इसका विरोध किया गया था.
'बाहर से आ रहे मरीज'
इस पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसमें विरोध करने की कोई बात ही नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को ये जानना चाहिए, क्योंकि पहले हर दिन करीब 100 बेड खाली हो रहे थे. लेकिन बीते 10-15 दिनों से मरीज कम नहीं हो रहे. क्योंकि बाहर से भी लोग यहां टेस्ट और इलाज कराने के लिए आ रहे हैं. आरटीपीसीआर और एंटीजन के बीच बढ़ते फासले को लेकर पूछे गए सवाल को सत्येंद्र जैन ने फिर से केंद्र की तरफ उछाल दिया और कहा कि हम सिर्फ आईसीएमआर की गाइडलाइन फॉलो कर रहे हैं.