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तीमारदार को मरीज की मौत की ही सूचना देते हैं कई अस्पताल: Delhi HC

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) ने तीमारदारों और रिश्तेदारों को उनके मरीजों की स्थिति की अपडेट देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.

delhi high court central cotice
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : May 27, 2021, 10:11 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) ने तीमारदारों और रिश्तेदारों को उनके मरीजों की स्थिति की अस्पताल और डॉक्टरों की ओर से रोजाना अपडेट देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल (Chief Justice DN Patel) की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कई अस्पताल तो मरीजों की मौत होने पर ही तीमारदार को सूचित करते हैं.

मानव आवाज ट्रस्ट ने डाली याचिका

याचिका मानव आवाज ट्रस्ट (manav awaaz Human trust) के ट्रस्टी अभय जैन ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील ऋषभ जैन ने कहा था कि सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना से संक्रमित मरीजों को रियायती और निष्पक्ष इलाज के अधिकार है. अस्पतालों और डॉक्टरों को मरीजों के तीमारदारों और रिश्तेदारों को इन मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में रोजाना जानकारी देना चाहिए, लेकिन इसे लेकर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है. ये संविधान की धारा 21 का उल्लंघन (Violation of section 21) है.

यह भी पढ़ेंः-कोरोना से हो रही मौतों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका, पीड़ितों के लिये मुआवजे की मांग

'मरीजों की मौत की ही सूचना दी जाती है'

याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों के बाहर काफी बड़ी संख्या में तीमारदार अपने मरीजों का हालचाल जानने के लिए जमा रहते हैं, लेकिन उन्हें अपने मरीजों से मिलने नहीं दिया जाता है. ऐसे में तीमारदारों को अपने मरीजों का हालचाल बताने का एक मेकानिज्म तैयार करना चाहिए. इसे लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं होने से मरीजों के तीमारदारों में नाराजगी, गुस्सा और भय पैदा होता है. मरीजों को उनके तीमारदारों या रिश्तेदारों के बारे में कभी कोई सूचना दी जाती है जब उनकी मौत हो जाती है.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) ने तीमारदारों और रिश्तेदारों को उनके मरीजों की स्थिति की अस्पताल और डॉक्टरों की ओर से रोजाना अपडेट देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल (Chief Justice DN Patel) की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कई अस्पताल तो मरीजों की मौत होने पर ही तीमारदार को सूचित करते हैं.

मानव आवाज ट्रस्ट ने डाली याचिका

याचिका मानव आवाज ट्रस्ट (manav awaaz Human trust) के ट्रस्टी अभय जैन ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील ऋषभ जैन ने कहा था कि सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना से संक्रमित मरीजों को रियायती और निष्पक्ष इलाज के अधिकार है. अस्पतालों और डॉक्टरों को मरीजों के तीमारदारों और रिश्तेदारों को इन मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में रोजाना जानकारी देना चाहिए, लेकिन इसे लेकर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है. ये संविधान की धारा 21 का उल्लंघन (Violation of section 21) है.

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'मरीजों की मौत की ही सूचना दी जाती है'

याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों के बाहर काफी बड़ी संख्या में तीमारदार अपने मरीजों का हालचाल जानने के लिए जमा रहते हैं, लेकिन उन्हें अपने मरीजों से मिलने नहीं दिया जाता है. ऐसे में तीमारदारों को अपने मरीजों का हालचाल बताने का एक मेकानिज्म तैयार करना चाहिए. इसे लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं होने से मरीजों के तीमारदारों में नाराजगी, गुस्सा और भय पैदा होता है. मरीजों को उनके तीमारदारों या रिश्तेदारों के बारे में कभी कोई सूचना दी जाती है जब उनकी मौत हो जाती है.

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