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सेना के अधिकारियों को भी मिलेगा HRA का लाभ, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को दिया आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को देश के दूर-दराज इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बलों के ग्रुप ए के अधिकारियों को भी हाउस रेंट अलाउंस (HRA) देने का आदेश दिया है. अभी तक यह सुविधा सिर्फ अधिकारी और जवान रैंक के नीचे के कर्मियों को मिलता था. (House Rent Allowance benefits to paramilitary forces)

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Published : Dec 18, 2022, 7:34 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने देश के दूर-दराज इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अगर सेना के अधिकारी अपने परिवारों को अपनी पसंद के शहरों या अन्य स्थानों में किराए के मकानों में रखते हैं तो उन्हें हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का लाभ दिया जाना चाहिए. अभी तक यह सुविधा सिर्फ अधिकारी और जवान रैंक के नीचे के कर्मियों को मिलती थी. (House Rent Allowance benefits to paramilitary forces)

कोर्ट ने कहा कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का लाभ केवल PBORs (अधिकारी रैंक से नीचे के जवानों) तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पात्रता के अनुसार जवानों के रैंक के अनुसार सभी कर्मियों को दिया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पक्ष में दिए गए इस फैसले के छह सप्ताह के भीतर गृह मंत्रालय के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के परामर्श से आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए, ताकि उनको HRA का लाभ दिया जा सके.

दिल्ली हाईकोर्ट का यह आदेश सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 9 अफसरों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आया है. इसमें इन अधिकारियों ने कहा था कि विभिन्न स्थानों पर उनके परिजनों को किराए पर रहना पड़ता है, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी जाती है.

उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने भी अनुशंसा की थी कि सेना के जवान अपने परिवार को कहीं भी रख सकते हैं और इसके लिए उन्हें HRA का लाभ दिया जाना चाहिए. हालांकि इस अनुशंसा को सिर्फ अधिकारी रैंक से नीचे के जवानों (PBOR) के लिए मान्य किया गया, जबकि ग्रुप ए के अधिकारियों के लिए इनकार कर दिया गया.

ये भी पढ़ेंः AAP की राष्ट्रीय काउंसिल की मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा

सैन्य अधिकारियों के वकील अंकित छिब्बर ने कहा कि अर्द्धसैनिक बल के अधिकारियों के सामने आने वाले मुद्दों को केंद्रीय वेतन आयोग ने भी स्वीकार किया था और इसने सभी कर्मियों को लाभ दिए जाने की सिफारिश की थी, लेकिन केवल ऑफिसर स्तर से नीचे के जवानों को यह सुविधा दी गई थी जो अतार्किक और मनमाना था. अब हाईकोर्ट ने ऐसे अधिकारियों को भी इसकी अनुमति दे दी है कि वह अपने परिवार के लोगों को अपनी पसंद के स्थानों पर रख सकते हैं और इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से HRA दिया जाएगा.

(इनपुट- ANI)

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने देश के दूर-दराज इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अगर सेना के अधिकारी अपने परिवारों को अपनी पसंद के शहरों या अन्य स्थानों में किराए के मकानों में रखते हैं तो उन्हें हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का लाभ दिया जाना चाहिए. अभी तक यह सुविधा सिर्फ अधिकारी और जवान रैंक के नीचे के कर्मियों को मिलती थी. (House Rent Allowance benefits to paramilitary forces)

कोर्ट ने कहा कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का लाभ केवल PBORs (अधिकारी रैंक से नीचे के जवानों) तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पात्रता के अनुसार जवानों के रैंक के अनुसार सभी कर्मियों को दिया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पक्ष में दिए गए इस फैसले के छह सप्ताह के भीतर गृह मंत्रालय के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के परामर्श से आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए, ताकि उनको HRA का लाभ दिया जा सके.

दिल्ली हाईकोर्ट का यह आदेश सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 9 अफसरों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आया है. इसमें इन अधिकारियों ने कहा था कि विभिन्न स्थानों पर उनके परिजनों को किराए पर रहना पड़ता है, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी जाती है.

उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने भी अनुशंसा की थी कि सेना के जवान अपने परिवार को कहीं भी रख सकते हैं और इसके लिए उन्हें HRA का लाभ दिया जाना चाहिए. हालांकि इस अनुशंसा को सिर्फ अधिकारी रैंक से नीचे के जवानों (PBOR) के लिए मान्य किया गया, जबकि ग्रुप ए के अधिकारियों के लिए इनकार कर दिया गया.

ये भी पढ़ेंः AAP की राष्ट्रीय काउंसिल की मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा

सैन्य अधिकारियों के वकील अंकित छिब्बर ने कहा कि अर्द्धसैनिक बल के अधिकारियों के सामने आने वाले मुद्दों को केंद्रीय वेतन आयोग ने भी स्वीकार किया था और इसने सभी कर्मियों को लाभ दिए जाने की सिफारिश की थी, लेकिन केवल ऑफिसर स्तर से नीचे के जवानों को यह सुविधा दी गई थी जो अतार्किक और मनमाना था. अब हाईकोर्ट ने ऐसे अधिकारियों को भी इसकी अनुमति दे दी है कि वह अपने परिवार के लोगों को अपनी पसंद के स्थानों पर रख सकते हैं और इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से HRA दिया जाएगा.

(इनपुट- ANI)

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