नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि वो बिहार के एक आईएएस अधिकारी को उसके बकाये वेतन का भुगतान करे. 2013 बैच के आईएएस अधिकारी जितेंद्र गुप्ता ने अपना ट्रांसफर बिहार से हरियाणा करने की मांग की है. जितेंद्र गुप्ता ने ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी जिसके बाद उन्हें अपनी जान को खतरा महसूस हो रहा है.
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने बिहार सरकार से कहा कि वो सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में दायर याचिका पर फैसला होने तक आईएएस जितेंद्र गुप्ता को वेतन देते रहें. दरअसल, कैट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो जितेंद्र गुप्ता का ट्रांसफर बिहार से हरियाणा करने पर विचार करे. कैट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वो जितेंद्र गुप्ता के हरियाणा ट्रांसफर करने के मसले पर अपनी सहमति नहीं रोके और इसके बारे में केंद्र को सूचित करें.
टीम के सदस्यों पर केस चल रहा
कैट के इस फैसले के विरोध में बिहार सरकार ने कहा है कि कैट आईएएस अधिकारी दूसरे राज्य में अपना ट्रांसफर करवाकर उस लंबित आपराधिक केस से बचना चाहता है जिसमें वह खुद तो बरी हो गया है, लेकिन उसकी टीम के सदस्यों पर अभी केस चल रहा है.
जितेंद्र गुप्ता की जान पर खतरा- कोर्ट
बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान जितेंद्र गुप्ता ने कहा था कि उसे जुलाई 2017 से वेतन नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कैट के आदेश का भी हवाला दिया तब कोर्ट ने कहा कि जितेंद्र गुप्ता की जान पर खतरा है इसलिए कैट ने उनके पक्ष में फैसला दिया, इसलिए बिहार सरकार याचिका के निपटारे तक जितेंद्र गुप्ता को सैलरी देते रहें.
सुरक्षा मुहैया कराए बिहार सरकार
हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की इस बात के लिए भी आलोचना की कि वह उस आईएएस अधिकारी को सुरक्षा नहीं मुहैया करा रही है जिसे अपनी जान को खतरा है. कोर्ट ने कहा कि ये केंद्र और बिहार सरकार की जिम्मेदारी है कि वो जितेंद्र गुप्ता को सुरक्षा मुहैया कराए.