नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सफाई कर्मचारियों के सैलरी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और नगर निगमों को एक संयुक्त बैठक बुलाने और उनकी परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया. कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 8 सितंबर को करेगा.
दिल्ली सरकार ने फंड नहीं किया जारी
सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North MCD) ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने सफाई कर्मचारियों को सैलरी तो दे दी है, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें जो फंड दिया जाना था वो अभी तक नहीं मिला है. तब दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी कलेक्शन का दस हजार करोड़ रुपये जारी नहीं किया है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और नगर निगम को निर्देश दिया कि वो बैठक कर इस मामले का हल करें.
181 करोड़ रुपये नहीं हुए जारी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से पहली तिमाही के लिए सैनिटेशन और शहरी विकास के मद में 90 करोड़ 60 लाख रुपये का भुगतान करना करना था। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि दूसरी तिमाही का मिलाकर 181 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार की ओर से जारी होने चाहिए थे लेकिन वे जारी नहीं हुए हैं.
शिक्षकों की सैलरी सफाईकर्मियों को देनी पड़ी
पिछले 21 जुलाई को एक दूसरी याचिका पर सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने सफाईकर्मियों को कोई मदद राशि जारी नहीं की गई. जिसकी वजह से शिक्षकों की सैलरी सफाईकर्मियो को देनी पड़ी. निगम ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से सफाईकर्मियों और हेल्थवर्कर्स को सैलरी देनी पड़ी.