नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन और आईटी प्रोफेशनल जिगिषा घोष की हत्या के दोषी रवि कपूर को पेरोल देने से इनकार कर दिया. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने कहा कि रवि कपूर का आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते हुए पेरोल नहीं दी जा सकती है.
कोर्ट ने कहा कि जेल के अंदर भी रवि कपूर का व्यवहार ठीक नहीं था. आरोप ने अपने परिजनों से मिलने और अपने घुटने की सर्जरी के लिए पेरोल पर रिहा करने की मांग की थी. रवि ने पेरोल की अर्जी 2023 में दी थी. 2023 में आरोपी जिगिषा घोष की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था. जिगिषा की हत्या 2009 में की गई थी. इस मामले में रवि कपूर को ट्रायल कोर्ट ने 2016 में फांसी की सजा मुकर्रर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था.
बता दें कि नवंबर 2023 में साकेत कोर्ट ने टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले के चार दोषियों को उम्रकैद और एक दोषी को तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने दोषी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलबीर मालिक और अजय कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
रवि कपूर की पेरोल की अर्जी का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि याचिका लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता को सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया था कि रवि के खिलाफ 20 अन्य आपराधिक मामले भी लंबित हैं. जिनमें हत्या, चोरी, डकैती और आर्म्स एक्ट के मामले हैं.
रवि कपूर की पेरोल की अर्जी को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों के अधिकारों पर जोर किया है लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कोर्ट जनहित और समाज पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी गौर करें. हाईकोर्ट ने कहा कि रवि न तो अपने घुटने की सर्जरी से संबंधित कोई दस्तावेज पेश किया है और न ही उस संबंध में कोई दलील दी गई.