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2जी केस: सीबीआई और ईडी की जल्द सुनवाई की मांग पर आज फैसला सुनाएगा HC

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Published : Sep 29, 2020, 8:58 AM IST

सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. जिसपर दोनों विभागों ने फैसले के खिलाफ जल्द सुनवाई करने की याचिका दायर भी की है. दिल्ली हाईकोर्ट आज याचिका पर सुनवाई करेगा.

2G spectrum case
2जी स्पेक्ट्रम केस

नई दिल्ली: हाईकोर्ट आज 2जी स्पेक्ट्रम केस में सीबीआई और ईडी की याचिका पर फैसला सुनाएगा. दरअसल, मामले में सीबीआई और ईडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ जल्द सुनवाई करने की याचिका दायर की है. जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने पिछले 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.


कोरोना संकट के दौरान सुनवाई की जल्दबाजी नहीं


सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की ओर से कहा गया था कि जल्द सुनवाई की मांग के पीछे जनहित है. वहीं दूसरी तरफ ए राजा समेत दूसरे आरोपियों ने कहा था कि जल्द सुनवाई की मांग का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट के दिशानिर्देश के मुताबिक कोरोना के संकट के दौरान बरी किए जाने के फैसले पर सुनवाई करने में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. पिछले 10 सितंबर को कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था.


सीबीआई और ईडी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है


इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.



2017 में ट्रायल कोर्ट ने सुनाया था फैसला


बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष ये साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट आज 2जी स्पेक्ट्रम केस में सीबीआई और ईडी की याचिका पर फैसला सुनाएगा. दरअसल, मामले में सीबीआई और ईडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ जल्द सुनवाई करने की याचिका दायर की है. जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने पिछले 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.


कोरोना संकट के दौरान सुनवाई की जल्दबाजी नहीं


सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की ओर से कहा गया था कि जल्द सुनवाई की मांग के पीछे जनहित है. वहीं दूसरी तरफ ए राजा समेत दूसरे आरोपियों ने कहा था कि जल्द सुनवाई की मांग का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट के दिशानिर्देश के मुताबिक कोरोना के संकट के दौरान बरी किए जाने के फैसले पर सुनवाई करने में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. पिछले 10 सितंबर को कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था.


सीबीआई और ईडी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है


इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.



2017 में ट्रायल कोर्ट ने सुनाया था फैसला


बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष ये साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

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