नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने आम आदमी पार्टी को 163.6 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा है. गत माह दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया (DIP sends Rs 163 crore notice to Aam Aadmi Party) था. इसके बाद बुधवार को सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने वसूली नोटिस में ब्याज की राशि को शामिल कर कुल 163.6 करोड़ रुपए वसूली का नोटिस जारी किया है. नोटिस के अनुसार इसमें 99.31 करोड़ मूल राशि और 64.31 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है. वहीं बीजेपी भी इसे लेकर हमलावर हो गई है.
नोटिस में यह राशि 10 दिन के अंदर जमा कराने के लिए कहा गया है. अगर आम आदमी पार्टी ऐसा करने में विफल रहती है तो दिल्ली के उपराज्यपाल के पिछले आदेश के अनुसार समयबद्ध तरीके से सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें पार्टी की संपत्तियां भी कुर्क किया जाना शामिल है. पार्टी को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि, वर्ष 2016-17 में सरकारी खजाने से पैसे का इस्तेमाल सरकारी विज्ञापनों के नाम पर राजनीतिक विज्ञापन छपवाने के लिए किया गया था. यह विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है. दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने कहा है कि अगर तय समय सीमा के अंदर पैसे नहीं जमा कराए गए तो नियमपूर्वक आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आप के पार्टी मुख्यालय को भी सील किया जा सकता है. हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इसे लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है.
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डीआईपी व इसकी विज्ञापन एजेंसी शब्दार्थ द्वारा 31 मार्च 2017 के बाद, जितने भी विज्ञापन पब्लिश किए गए हैं उन सभी के ऑडिट के लिए एक टीम लगाने के भी आदेश दिए गए हैं. इसपर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि डीआईपी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को 163.61 करोड़ के विज्ञापन का रिकवरी नोटिस भेजा है. इसकी तुरंत रिकवरी होनी चाहिए. उन्होंने सीएम केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि, दिल्ली की जनता आप को चमकाने के लिए क्यों पैसे दे.
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