नई दिल्ली: दिल्ली सरकार (Delhi Government) यमुना नदी को साफ करने की दिशा में काम कर रही है. इसी कड़ी में पड़ोसी राज्य से यमुना में गिरने वाले सभी प्रकार की गंदगी को ट्रीट करने का जिम्मा उठाया है. इस सिलसिले में दिल्ली के जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष (Water Minister and Chairman of Delhi Jal Board) सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने नरेला स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) का मुआयना किया.
नरेला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का मुआयना करने के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) ने ड्रेन नंबर छह के जरिए हरियाणा से आने वाले 15 एमजीडी (Million Gallons Per Day) सीवेज को नरेला एसटीपी (Sewage Treatment Plant) में रोककर उसे साफ करने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि रिसाइकल किए गए पानी से दिल्ली सरकार टिकरी खुर्द में मौजूद एक झील को पुनर्जीवित करेगी, जिससे भूजल रिचार्ज और घट रहे भूजल स्तर को सुधारने में भी मदद मिलेगी.
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दिल्ली सरकार अपनी 'झीलों के शहर' परियोजना (City of Lakes Project) के तहत टिकरी खुर्द में नरेला एसटीपी (Sewage Treatment Plant) से निकलने वाले रिसाइकल किए गए पानी का उपयोग करके झील का कायाकल्प करेगी. यह झीलों का शहर परियोजना 2018 में शहर की रोजाना होने वाली पानी की मांग को पूरा करने के लिए भूजल को रिचार्ज करके और साइकल किए गए पानी को रिसाइकल करके पानी की आपूर्ति के लिए शुरू की गई थी. वहीं जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछली सरकारें यमुना को साफ करने के नाम पर सिर्फ एक दूसरे पर दोषारोपण के सिवाय कुछ भी नहीं किया करती थीं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का लक्ष्य यमुना को निर्मल और स्वच्छ बनाना है.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2025 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा है. यमुना को साफ करने के लिए केजरीवाल सरकार छह एक्शन स्टेप प्लान के तहत युद्धस्तर पर काम कर रही है.
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