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दिल्ली सरकार देगी दलित छात्रों को विदेश में पढ़ने का मौका

दिल्ली सरकार अब दलित छात्रों को विदेश में पढ़ाने का मौका दे रही हैं. इस योजना का लाभ उठाने के लिए वार्षिक आय की सीमा 6 लाख रुपये रखी जा सकती है.

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Published : Aug 5, 2019, 2:24 PM IST

Updated : Aug 5, 2019, 2:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार राजधानी के 100 दलित छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देने की योजना ला रही है. प्रतिभाशाली छात्र जो कला, कृषि, कानून, चिकित्सा और इंजीनियरिंग आदि के क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई करना चाहते हैं. वह इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं.

दलित छात्रों को मिलेगा विदेश में पढ़ाई का मौका

दलित छात्र विदेश जाकर कर सकते हैं पढ़ाई
पिछले दिनों दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सरकार के जय भीम मुख्यमंत्री योजना के नतीजे को लेकर खासे उत्साहित थे. क्योंकि इस योजना के तहत तकरीबन 35 छात्रों को देश के नामी-गिरामी मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज में इस वर्ष दाखिला मिल पाया.

अब दलित छात्र आगे विदेश जाकर भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकें, इसलिए जल्दी इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा. सरकार करीब 100 छात्रों को 2 साल के पाठ्यक्रम के लिए 10 लाख और 4 साल के पाठ्यक्रम के लिए 20 लाख की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी.

योजना का लाभ उठाने के लिए वार्षिक आय की सीमा 6 लाख रुपये रखी जा सकती है. विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करना महंगा है. लेकिन सरकार का मानना है कि ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को कोई कमी नहीं होगी. इन्हें बराबर का मौका दिया जाए तो वह कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार राजधानी के 100 दलित छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देने की योजना ला रही है. प्रतिभाशाली छात्र जो कला, कृषि, कानून, चिकित्सा और इंजीनियरिंग आदि के क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई करना चाहते हैं. वह इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं.

दलित छात्रों को मिलेगा विदेश में पढ़ाई का मौका

दलित छात्र विदेश जाकर कर सकते हैं पढ़ाई
पिछले दिनों दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सरकार के जय भीम मुख्यमंत्री योजना के नतीजे को लेकर खासे उत्साहित थे. क्योंकि इस योजना के तहत तकरीबन 35 छात्रों को देश के नामी-गिरामी मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज में इस वर्ष दाखिला मिल पाया.

अब दलित छात्र आगे विदेश जाकर भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकें, इसलिए जल्दी इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा. सरकार करीब 100 छात्रों को 2 साल के पाठ्यक्रम के लिए 10 लाख और 4 साल के पाठ्यक्रम के लिए 20 लाख की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी.

योजना का लाभ उठाने के लिए वार्षिक आय की सीमा 6 लाख रुपये रखी जा सकती है. विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करना महंगा है. लेकिन सरकार का मानना है कि ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को कोई कमी नहीं होगी. इन्हें बराबर का मौका दिया जाए तो वह कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

Intro:नई दिल्ली.दिल्ली सरकार राजधानी के 100 दलित छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देने की योजना ला रही है. प्रतिभाशाली छात्र जो कला, कृषि,कानून, चिकित्सा और इंजीनियरिंग आदि के क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई करना चाहते हैं वह इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं.


Body:पिछले दिनों दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सरकार के जय भीम मुख्यमंत्री योजना के नतीजे को लेकर उसका खासे उत्साहित थे. क्योंकि इस योजना के तहत तकरीबन 35 छात्रों को देश के नामी-गिरामी मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज में इस वर्ष दाखिला मिल पाया. अब दलित छात्र आगे विदेश जाकर भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकें, इसलिए जल्दी इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा. सरकार करीब 100 छात्रों को 2 साल के पाठ्यक्रम के लिए 10 लाख और 4 साल के पाठ्यक्रम के लिए 20 लाख की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी.

योजना का लाभ उठाने के लिए वार्षिक आय की सीमा 6 लाख रुपये रखी जा सकती है. विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करना महंगा है. लेकिन सरकार का मानना है कि ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को कोई कमी नहीं होगी. इन्हें बराबर का मौका दिया जाए तो वह कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

अंबेडकर की विदेश में पढ़ाई का खर्च भी बड़ौदा रियासत ने उठाया था

दलित छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति योजना की पृष्ठभूमि तैयार करने में केजरीवाल सरकार ने देश की आजादी से पहले बड़ौदा रियासत के शासक सयाजी राव गायकवाड द्वारा भीमराव अंबेडकर की विदेश में पढ़ाई का खर्चा उठाने का ज़िक्र किया है. सरकार मानती है कि तभी अंबेडकर को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला था. इस तथ्य को अहम मानते हुए सरकार का मानना ही कि दिल्ली के प्रतिभावान छात्रों को अगर उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने का खर्च सरकार उठाएगी तो इसके बेहतर नतीजे मिलेंगे.


Conclusion:बता दें कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भी हर साल अनुसूचित जातियों के 100 छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालय में विज्ञान, इंजीनियरिंग, वाणिज्य, कला और समाज विज्ञान में परास्नातक और पीएचडी की पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय मदद करता है यह मदद तकरीबन 10 लाख की होती है.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Aug 5, 2019, 2:53 PM IST
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