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Manipur Violence: हिंसा प्रभावित छात्रों की दिल्ली सरकार करेगी मदद, मिलेगा अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में दाखिला

दिल्ली सरकार मणिपुर के छात्र-छात्राओं को अपने यहां के स्कूलों में दाखिला कराएगी. दरअसल, राज्य में हिंसा के कारण कई छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हुई है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने ऐसे बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में दाखिला देगी, क्योंकि इन्हें हिंदी की अच्छी समझ नहीं होती है.

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Published : Jul 26, 2023, 12:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार मणिपुर हिंसा से प्रभावित छात्रों की मदद करने के लिए आगे आई है. हिंसा से छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसलिए दिल्ली सरकार अपने यहां स्कूलों में छात्रों को दाखिला देगी. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को आदेश दिया है. वहीं सरकार के निर्देश पर शिक्षा ने एक परिपत्र जारी कर दिया है. मणिपुर के छात्रों को दिल्ली के अंग्रेजी मीडियम स्कूल में दाखिला दिया जाएगा, क्योंकि उन्हें हिंदी की कम समझ होती है.

शिक्षा विभाग ने जारी किए अपने परिपत्र में कहा है कि 5 जुलाई को मणिपुर में हिंसा और वहां की स्थिति से प्रभावित छात्रों के संबंध में एक बैठक एडिशनल डायरेक्टर नंदनी महाराज को अगुवाई में हुई. इस बैठक के बाद मनीपुर के छात्रों को यहां के स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

स्कूलों के प्रमुखों को मिले यह निर्देश
शिक्षा विभाग ने सभी जिला के उप शिक्षा निदेशक और स्कूल प्रमुखों से कहा है कि क्लास नौवीं तक के सभी छात्रों को अनंतिम रूप से प्रवेश दिया जाना है. चूंकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के कई विस्थापित छात्रों के पास मणिपुर से अचानक चले जाने के कारण उनके पास प्रासंगिक दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए डीडीई (पत्राचार एवं एनआईओएस) को ऐसे छात्रों से फोन पर व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके प्रवेश पाने में सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को मणिपुर स्कूल बोर्ड/सीबीएसई द्वारा जारी मार्कशीट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. सीआरसीसी की मदद से से स्कूल प्रमुख छात्रों को स्कूलों में अनंतिम प्रवेश देगी. छात्र अपने निवास की वर्तमान अनिश्चित स्थिति और माता-पिता की नौकरी के कारण प्रवेश लेने में झिझक सकते हैं. उनके साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए.

अंग्रेजी स्कूलों में मिलेगा दाखिला
स्कूल प्रमुख छात्रों और उनके अभिभावक को ईवीजीसी की सेवाएं प्रदान कर सकते हैं. प्रत्येक डीडीई को विस्थापित छात्रों के प्रवेश के लिए एक नोडल प्रभारी नियुक्त करना आवश्यक है. कुकी छात्र संगठन दिल्ली और एनसीआर प्रत्येक जिला डीडीई के साथ एक व्यक्ति को जोड़ेगा जो छात्रों/अभिभावकों के साथ संवाद करने और छात्रों के नाम, पते, उम्र आदि में विसंगतियों को दूर करने में जिला डीडीई के साथ समन्वय करेगा, चूंकि ये छात्र हिंदी में पारंगत नहीं हैं, इसलिए इन्हें अंग्रेजी में प्रवेश दिया जाना चाहिए.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार मणिपुर हिंसा से प्रभावित छात्रों की मदद करने के लिए आगे आई है. हिंसा से छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसलिए दिल्ली सरकार अपने यहां स्कूलों में छात्रों को दाखिला देगी. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को आदेश दिया है. वहीं सरकार के निर्देश पर शिक्षा ने एक परिपत्र जारी कर दिया है. मणिपुर के छात्रों को दिल्ली के अंग्रेजी मीडियम स्कूल में दाखिला दिया जाएगा, क्योंकि उन्हें हिंदी की कम समझ होती है.

शिक्षा विभाग ने जारी किए अपने परिपत्र में कहा है कि 5 जुलाई को मणिपुर में हिंसा और वहां की स्थिति से प्रभावित छात्रों के संबंध में एक बैठक एडिशनल डायरेक्टर नंदनी महाराज को अगुवाई में हुई. इस बैठक के बाद मनीपुर के छात्रों को यहां के स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

स्कूलों के प्रमुखों को मिले यह निर्देश
शिक्षा विभाग ने सभी जिला के उप शिक्षा निदेशक और स्कूल प्रमुखों से कहा है कि क्लास नौवीं तक के सभी छात्रों को अनंतिम रूप से प्रवेश दिया जाना है. चूंकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के कई विस्थापित छात्रों के पास मणिपुर से अचानक चले जाने के कारण उनके पास प्रासंगिक दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए डीडीई (पत्राचार एवं एनआईओएस) को ऐसे छात्रों से फोन पर व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके प्रवेश पाने में सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को मणिपुर स्कूल बोर्ड/सीबीएसई द्वारा जारी मार्कशीट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. सीआरसीसी की मदद से से स्कूल प्रमुख छात्रों को स्कूलों में अनंतिम प्रवेश देगी. छात्र अपने निवास की वर्तमान अनिश्चित स्थिति और माता-पिता की नौकरी के कारण प्रवेश लेने में झिझक सकते हैं. उनके साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए.

अंग्रेजी स्कूलों में मिलेगा दाखिला
स्कूल प्रमुख छात्रों और उनके अभिभावक को ईवीजीसी की सेवाएं प्रदान कर सकते हैं. प्रत्येक डीडीई को विस्थापित छात्रों के प्रवेश के लिए एक नोडल प्रभारी नियुक्त करना आवश्यक है. कुकी छात्र संगठन दिल्ली और एनसीआर प्रत्येक जिला डीडीई के साथ एक व्यक्ति को जोड़ेगा जो छात्रों/अभिभावकों के साथ संवाद करने और छात्रों के नाम, पते, उम्र आदि में विसंगतियों को दूर करने में जिला डीडीई के साथ समन्वय करेगा, चूंकि ये छात्र हिंदी में पारंगत नहीं हैं, इसलिए इन्हें अंग्रेजी में प्रवेश दिया जाना चाहिए.

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