नई दिल्ली: दिल्ली सरकार निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करा रही है. इस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में अब तक 70 हजार मजदूर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. लेकिन इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और ज्यादातर मजदूरों को इसमें परेशानी होती है, इसलिए दिल्ली सरकार अब अपनी तरफ से सुविधा देते हुए दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं के 70 स्कूलों में कैम्प लगाने जा रही है.
'24 अगस्त से 11 सितंबर के बीच'
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री एवं रोजगार मंत्री गोपाल राय ने इसे लेकर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 24 अगस्त से 11 सितंबर के बीच दिल्ली सरकार निर्माण मजदूर रजिस्ट्रेशन अभियान शुरू करने जा रही है. इस दौरान सोमवार से शुक्रवार के बीच मजदूर अपने नजदीकी स्कूल के कैम्प में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इन कैम्पस में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ वेरिफिकेशन भी होगा.
18 से 60 साल के मजदूरों के लिए
गोपाल राय ने बताया कि अब तक रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अलग अलग होती थी. उन्होंने कहा कि इस बारे में सभी 70 विधायकों को पत्र लिखा गया है, साथ ही एमसीडी व डीएसआईडीसी को भी सूचित कर दिया गया है. इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में 18 से 60 साल के मजदूर हिस्सा ले सकेंगे. इसके लिए मजदूरों को एक साल में 90 दिन काम करने का सर्टिफिकेट देना होगा.
शामिल होंगे ये मजदूर
श्रम मंत्री ने कहा कि मजदूर अपने ठेकेदार के जरिए ये सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं, उसपर ठेकेदार का हस्ताक्षर होना चाहिए और अगर यह सम्भव न हो, तो वे सेल्फ डिक्लरेशन भी दे सकते हैं. बढ़ई, बेलदार, कंस्ट्रक्शन साइट पर तैनात चौकीदार, क्रेन ऑपरेटर, पेंटर, प्लम्बर, पीओपी लेबर, राज मिस्त्री, टाइल्स स्टोन फिटर आदि इन निर्माण मजदूरों में शामिल हैं.
'जरूरी होंगे ये कागजात'
रजिस्ट्रेशन के लिए कैम्प में जाते समय मजदूरों के पास एक फोटो आधार कार्ड, बैंक अकाउंट नम्बर और एक लोकल आईडी प्रूफ होनी चाहिए. गोपाल राय ने बताया कि इससे पहले कोरोना काल में अप्रैल-मई के दौरान 40 हज़ार मजदूरों के खाते में 10 हज़ार रुपए भेजे जा चुके हैं. दिल्ली में रजिस्टर्ड निर्माण मजदूरों को मिलने वाले फायदे का जिक्र करते हुए गोपाल राय ने कहा कि इन्हें 18 तरह के विभिन्न फायदे मिलते हैं.
मिलते हैं ये फायदे
इसके अंतर्गत, रजिस्टर्ड पुरुष मजदूर व मजदूर के बेटे की शादी के लिए 51 हज़ार व रजिस्टर्ड महिला मजदूर व मजदूर की बेटी की शादी के लिए 35 हजार की सहायता सरकार की तरफ से की जाती है. वहीं मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए 8 हज़ार से लेकर 60 हजार तक की सालाना मदद मिलती है. इतना ही नहीं, मजदूर की दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख और प्राकृतिक मृत्यु पर एक लाख रुपए की मदद सरकार करती है.
औजार खरीदने के लिए भी मदद
इन रजिस्टर्ड मजदूरों को निर्माण औजार खरीदने के लिए दिल्ली सरकार 20 हजार रुपए तक का लोन देती है, वहीं 5 साल में एकबार 5000 रुपए का अनुदान मिलता है. 60 साल से ज्यादा उम्र होने के बाद इन मजदूरों को 3 हजार रुपए वृद्धावस्था पेंशन के रूप मिलते हैं, वहीं स्वास्थ्य व प्रसूति के लिए 2 बच्चों तक 30 हज़ार रुपए की मदद मिलती है.