नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार टीचर्स की थकान को दूर करने के लिए जल्द ही उन्हें परीक्षा के काम से निजात दिलाने की तैयारी में है. इसके लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को मीटिंग कर प्लानिंग तैयार की है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में औसतन साल भर 50 घंटे और क्लास टीचर औसतन 310 घंटे का अपना शिक्षा और परिवार का समय परीक्षा संबंधित काम पर खर्च करते हैं. उन्होंने बताया कि इससे उनके ऊपर मानसिक तनाव बढ़ता है. इसलिए दिल्ली सरकार शिक्षकों के बढ़ते मानसिक तनाव को कम करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपना रही है. जिससे कि उनके काम में सरलता आ सके.
उन्होंने कहा कि विभाग इसको लेकर एक प्लान तैयार करेगा और शिक्षकों से इसका फीडबैक लेगा. इसके बाद ये तय किया जाएगा कि परीक्षा के काम को निपटाने के लिए क्या तरीका अपनाया जा सकता है और इसे कैसे सफल बनाया जा सके.
फिलहाल उनका कहना है कि ऑनलाइन और डिजिटलाइज करके इस प्रक्रिया से काफी राहत पाई जा सकती है. टीचरों को भी थकान से मुक्ति मिल सकती है.
अभी ऐसे होता है काम
परीक्षा कार्यों में बच्चों की कॉपी को सब्जेक्ट टीचर द्वारा चेक करना, उसके नंबर को रिवार्ड लिस्ट में चढ़ाना, वापस एक दूसरे टीचर द्वारा उसकी क्रॉस चेकिंग करना, फिर क्लास टीचर द्वारा सभी बच्चों के मार्क्स को कलेक्ट कर के टीचर्स डायरी और मास्टर रिकॉर्ड में चढ़ाना, बाद में सारा डाटा ऑनलाइन सिस्टम पर चढ़ाना जैसे कार्य शामिल हैं.