नई दिल्ली: प्रदूषण को काबू में करने को लेकर दिल्ली सरकार लगातार कदम उठा रही है. एक तरफ दिल्ली में 'युद्ध, प्रदूषण के विरूद्ध' जारी है, वहीं अब दिल्ली सरकार दिवाली के दौरान पैदा होने वाले प्रदूषण पर रोकथाम के लिए एक नया अभियान शुरू करने जा रही है. तीन नवंबर से दिल्ली में यह अभियान शुरू हो रहा है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसे लेकर जानकारी दी.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के तमाम अभियानों के बावजूद हमें कई जगह से पर्यावरण नियमों में लापरवाही के शिकायत मिल रही है. इस पर कार्रवाई के लिए हम एप ला रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल इसे लॉन्च करेंगे. इसके अलावा, गोपाल राय ने कहा कि पराली और दीवाली के पटाखे के धुएं से जो जहरीली हवा बनती है, उसका असर लोगों की जिंदगी पर पड़ता है.
'उत्पादकों की सूची जारी'
23 अक्टूबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में केवल ग्रीन क्रैकर का ही उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि ग्रीन क्रैकर के अंदर सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन बहुत कम मात्रा में होते हैं और इससे बहुत कम धुआं निकलता है. पर्यावरण मंत्री ने ग्रीन क्रैकर के 93 उत्पादक एजेंसियों की सूची जारी की और कहा कि इन्हीं से कोई भी खुदरा विक्रेता ग्रीन क्रैकर खरीद सकेगा.
डीपीसीसी करेगा मॉनिटर
उन्होंने कहा कि ये लिस्ट हम वेबसाइट पर अपलोड कर देंगे. उन्होंने बताया कि ग्रीन क्रैकर का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, इसकी पड़ताल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था. कल इसे लेकर डीपीसीसी को भी नोटिस जारी किया जाएगा कि वो मॉनिटर करे. गोपाल राय ने कहा कि सभी निर्माताओं और विक्रेताओं से अपील है कि दिल्ली आपकी है, आप अपने हिस्से का प्रदूषण कम करें और नियमों का पालन करें.
3 नवंबर से अभियान
गोपाल राय ने कहा कि अगर किसी विक्रेता और उत्पादक के यहां प्रदूषण वाला पटाखा या इससे जुड़ा मैटेरियल पाया जाता है, तो पर्यावरण नियमों के तहत कार्रवाई होगी. इसमें एनवायरनमेंट प्रॉटेक्शन एक्ट के तहत एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा, दिल्ली सरकार अपने स्तर पर 3 नवंबर से एंटी क्रैकर अभियान भी शुरू कर रही है, जो दीवाली के बाद भी जारी रहेगा.
11 टीमों का गठन
इस अभियान का असर हो, इसके लिए दिल्ली पुलिस और डीपीसीसी का भी सहयोग लिया जाएगा. पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दोनों को मिलाकर 11 टीमों का गठन किया जा रहा है. ये विशेष दस्ता जगह-जगह पटाखा निर्माता और विक्रेता के यहां जाकर चेक करेगा और अनियमितता मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.