नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को 155 और दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने की मंजूरी दी है. इसका मुख्य उद्देश्य रात के समय में भी दिल्ली के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक जॉब के अवसर पैदा करने के साथ-साथ श्रमिकों की हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है. दिल्ली सरकार, राजधानी में कारोबारी माहौल को लगातार बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. इसी परिप्रेक्ष्य में यह अनुमति दी गई है.
दिल्ली सरकार ने आवेदकों को दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 की धारा 14, 15 और 16 के तहत प्रतिष्ठानों को छूट प्रदान की है. इन धाराओं के तहत नाइट शिफ्ट में कर्मचारियों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगा था. साथ ही ऑफिस खोलने व बंद करने से संबंधित नियम व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए समय अवधि और छुट्टियों के नियम शामिल थे. इस प्रक्रिया में आवेदन करने वाले व्यापारियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन जमा होने के चार सप्ताह के अंदर सत्यापन और ऑनसाइट निरीक्षण किया जाएगा.
अब तक 523 को मिली मंजूरी: उल्लेखनीय है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में 24 घंटे काम करने की अनुमति लेने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या में वृद्धि हुई है. पिछले दो वर्षों में कुल 523 दुकानों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति दी गई है. जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1954 से 2022 तक 68 वर्षों में केवल 269 प्रतिष्ठानों को इस तरह की अनुमति दी गई थी. वहीं, वर्ष 2022 में 313 आवेदनों को मंजूरी दी गई, जबकि 2023 में 55 आवेदन पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं. अब फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी गई है कि क्या वे चुनी हुई सरकार के फैसले से सहमत हैं या नहीं हैं.
सीटीआई ने किया स्वागत: मुख्यमंत्री के इस फैसले की दिल्ली में व्यापारियों के संगठन, चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल ने इस पर प्रतिक्रिया साझा की है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली में नाइट शाॅपिंग को बढ़ावा मिलेगा. दुकानें, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट आदि 24 घंटे खुलने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. उन्होंने बताया कि दिल्ली के व्यापारी बीते लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे.
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उन्होंने कहा कि एनसीआर, विशेषकर गुड़गांव में नाइट शाॅपिंग का कल्चर बढ़ रहा था, जिसके कारण दिल्ली के व्यापार को नुकसान हो रहा था. वहीं इस प्रक्रिया को ऑनलाइन एवं डिजिटल कर दिया गया है जिसके कारण व्यापारियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे.
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