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माइनिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरफ्तार, जिम्बाब्वे का नंबर करता था इस्तेमाल

ग्रेनाइट माइनिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले दो जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. अपराधी जिम्बाब्वे का नंबर का इस्तेमाल करते थे.

Fraud of crores in name of mining
Fraud of crores in name of mining
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Published : Jun 28, 2022, 9:22 AM IST

नई दिल्ली: ग्रेनाइट माइनिंग में रुपये लगाने के नाम पर लोगों के साथ बैंक से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले दो जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान प्रदीप पालीवाल और विनायक भट के रूप में हुई है. प्रदीप के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं. सीबीआई ने भी वर्ष 2018 में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोपी प्रदीप जिम्बाब्वे का नाम्बर इस्तेमाल करता था ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके.

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने कई वर्षों से वांछित चल रहे 70 वर्षीय प्रदीप पालीवाल को उसके साथी विनायक सहित बीते सोमवार को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस को आर्थिक अपराध शाखा में वर्ष 2017 में दर्ज हुए एक मामले में उसकी तलाश थी. उसके खिलाफ करोल बाग, गुरुग्राम के उद्योग विहार थाने और सीबीआई में भी एफआईआर दर्ज है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए विनायक भट्ट को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है.

पुलिस के अनुसार आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर कारोबारियों और बैंक को ठगता था. वह उन्हें बताता था कि ग्रेनाइट माइनिंग के कारोबार में मोटा मुनाफा है. वह इसका कारोबार करता है और अगर इसमें रुपये लगाए तो मोटा मुनाफा होगा. उसके झांसे में आकर लोगों ने करोड़ों रुपये जमा करवा दिए. फर्जी दस्तावेजों पर उसने कई बैंक से भी लोन लिया था. कई बार उसने संपत्ति के फर्जी दस्तावेज गिरवी रख कर भी लोन लिया है.

आरोपी फरार होने के बाद से टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल ही कर रहा था. वह अपने मोबाइल पर जिम्बाब्वे का नंबर इस्तेमाल कर रहा था. वह किसी भी लोकेशन पर 24 घंटे से ज्यादा नहीं रहता था क्योंकि उसे पकड़े जाने का डर सता रहा था. एलओसी खुले होने की वजह से वह फ्लाइट से सफर नहीं करता था. उसने अपने पास एक पजेरो गाड़ी रखी हुई थी जिससे वह कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में सफर करता था. पुलिस उससे आगे पूछताछ कर रही है.

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नई दिल्ली: ग्रेनाइट माइनिंग में रुपये लगाने के नाम पर लोगों के साथ बैंक से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले दो जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान प्रदीप पालीवाल और विनायक भट के रूप में हुई है. प्रदीप के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं. सीबीआई ने भी वर्ष 2018 में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोपी प्रदीप जिम्बाब्वे का नाम्बर इस्तेमाल करता था ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके.

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने कई वर्षों से वांछित चल रहे 70 वर्षीय प्रदीप पालीवाल को उसके साथी विनायक सहित बीते सोमवार को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस को आर्थिक अपराध शाखा में वर्ष 2017 में दर्ज हुए एक मामले में उसकी तलाश थी. उसके खिलाफ करोल बाग, गुरुग्राम के उद्योग विहार थाने और सीबीआई में भी एफआईआर दर्ज है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए विनायक भट्ट को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है.

पुलिस के अनुसार आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर कारोबारियों और बैंक को ठगता था. वह उन्हें बताता था कि ग्रेनाइट माइनिंग के कारोबार में मोटा मुनाफा है. वह इसका कारोबार करता है और अगर इसमें रुपये लगाए तो मोटा मुनाफा होगा. उसके झांसे में आकर लोगों ने करोड़ों रुपये जमा करवा दिए. फर्जी दस्तावेजों पर उसने कई बैंक से भी लोन लिया था. कई बार उसने संपत्ति के फर्जी दस्तावेज गिरवी रख कर भी लोन लिया है.

आरोपी फरार होने के बाद से टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल ही कर रहा था. वह अपने मोबाइल पर जिम्बाब्वे का नंबर इस्तेमाल कर रहा था. वह किसी भी लोकेशन पर 24 घंटे से ज्यादा नहीं रहता था क्योंकि उसे पकड़े जाने का डर सता रहा था. एलओसी खुले होने की वजह से वह फ्लाइट से सफर नहीं करता था. उसने अपने पास एक पजेरो गाड़ी रखी हुई थी जिससे वह कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में सफर करता था. पुलिस उससे आगे पूछताछ कर रही है.

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