नई दिल्लीः चांदनी चौक के नील कटरा इलाके में प्राचीन हनुमान मंदिर ढाए जाने का मामला राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है. तमाम राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है. वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी और बीजेपी पर हमला बोला है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी की नाकामी के कारण प्राचीन हनुमान मंदिर टूटा है.
'लोगों को जागरूक करेगी कांग्रेस'
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली कांग्रेस जनता के बीच जाएगी और लोगों को दोनों पार्टियों की सच्चाई से अवगत कराएगी. दोनों पार्टियों की मिलीभगत से भगवान हनुमान का प्राचीन मंदिर तोड़ा गया है. अगर दोनों पार्टियां चाहती तो मंदिर को टूटने से बचाया जा सकता था. यह दोनों सरकार की नाकामी है जिसका खामियाजा उस मंदिर को भुगतना पड़ा.
'हो रही राजनीति'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि पूरे मामले पर दोनों सरकारें आम आदमी पार्टी और भाजपा भगवान राम के नाम पर पॉलिटिक्स कर रही है. सबको याद होगा कि चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हनुमान मंदिर जाते थे. हनुमान चालीसा सुनाते थे. वोट मांगने के लिए ढोंग करते थे. आज यह मंदिर टूट गया. अरविंद केजरीवाल क्यों नहीं वहां गए. मंदिर टूटे की जिम्मेदारी क्यों नहीं लेते.
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उन्होंने कहा कि भगवान हनुमान की हनुमान चालीसा से काम नहीं चलेगा. पार्टियों को उनका अनुसरण करना पड़ेगा. अरविंद केजरीवाल ने जो संदेश दिया था, उसके विपरीत उन्होंने भगवान हनुमान का मंदिर ही उजाड़ दिया और अब यह कह रहे हैं कि निगम ने मंदिर को तोड़ दिया है. इस मंदिर से जुड़े सारे डॉक्यूमेंट रिकॉर्ड में है वह भी सरकारी रिकॉर्ड में.
'माना था अतिक्रमण'
अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बकायदा उस मंदिर को कोर्ट में अतिक्रमण माना था. कई सारे सवाल दिल्ली सरकार पर भी उठते हैं. जब कोर्ट में सुनवाई हो रही थी तो दिल्ली सरकार अपील पर कोर्ट क्यों नहीं गई. अपील में साफ लिखा था कि अगर दिल्ली सरकार कोर्ट जाती तो कोर्ट इस पर सुनवाई करती.
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की मंशा पर सवाल ही नहीं उठता बल्कि उनकी पूरी नियत ही खराब है. अगर दिल्ली सरकार की मंशा साफ थी तो जब उस इलाके का जीर्णोद्वार किया जा रहा था तो मंदिर के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनाई गई. दिल्ली सरकार इस मंदिर को बचा सकती थे. आम आदमी पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर इस मंदिर को तोड़ा है.