नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पराली पर राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के ग्राफ का दोष देकर प्रदूषण को कम करने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली का प्रदूषण वाहनों के आवागमन के कारण है, जो दिल्ली के 41 फीसदी प्रदूषण में अपना योगदान देते हैं.
15 दिनों तक रहता पराली का प्रदूषण
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में पराली का प्रदूषण केवल 15 दिनों तक रहता है. वह भी हवा की दिशा पर निर्भर करता है और प्रदूषण का स्तर फसल के मौसम से बहुत पहले बढ़ गया था. उन्होंने कहा कि धूल, उद्योग और बिजली संयंत्र अन्य प्रमुख प्रदूषण के कारण है और अरविंद केजरीवाल सरकार इन स्रोतों से प्रदूषण कम करने में विफल रही है. जिसके परिणाम स्वरुप राजधानी दिल्ली एक बार फिर से गैस चेंबर में बदलती जा रही है.
बढ़ रही निजी वाहनों की संख्या
जब से अरविंद केजरीवाल सरकार सत्ता में आई है तब से दिल्ली देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गया है. एक तरफ जहां निजी वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं सार्वजनिक परिवहन कम हो रहे हैं. चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं जोड़ी गई है और एक हजार इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने का उनका वादा सिर्फ एक वादा बनकर रह गया जैसे कि अन्य अधूरे वादे.
झूठ पर झूठ बोल रही दिल्ली सरकार
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी विफलताओं और अक्षमता को छुपाने के लिए एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं. विशेषज्ञों की राय है कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को बिगाड़ने में निजी वाहनों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है और निजी वाहनों को कम करने का एकमात्र उपाय सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन को दुरुस्त करना है.