नई दिल्ली: तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के गिरफ्तारी मामले को लेकर जहां तीन राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गई हैं. वहीं अब पुलिस के दुरुपयोग को लेकर आवाज भी उठने शुरू हो चुके हैं. हाल के दिनों में हुई घटनाओं को लेकर दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने भाजपा और आम आदमी पार्ट की दोनों सरकारों पर पुलिस के दुरुपयोग करने, बदले और प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है. अनिल चौधरी ने भाजपा और आम आदमी पार्टी पर दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और पंजाब पुलिस के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अपराधियों पर नकेल कसने के बजाय आज तीनों राज्यों की पुलिस एक दूसरे के खिलाफ हथियार लेकर खड़े हैं.
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि "पिछले दो दिनों से हरियाणा, पंजाब और दिल्ली चर्चा का विषय बना हुआ है. साफ देखा जा सकता है कि कैसे तीनों राज्यों द्वारा किस तरीके से पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है. जिस प्रकार से उपद्रवी, दंगाई इस तरह का व्यक्ति है जो समाज में घृणा और नफरत फैलता हो उसको बचाने के लिए दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थाने जा कर बैठते हैं. अफसोस इस बात का भी है कि केजरीवाल या भाजपा अपनी पुलिस का प्रयोग अपने कार्यकर्ताओं या दूसरे कार्यकर्ताओं को फंसाने के लिए निरंतर कर रहे हैं. मैं इस विशेष व्यक्ति के बारे में तो बात नहीं करूंगा इस व्यक्ति को मैं जानता हूं यह किस तरह का व्यक्ति है. भाजपा के भी लोग जानते हैं यह किस तरह का व्यक्ति है. लेकिन मैं प्रश्न इससे पूर्व हुई कार्रवाई को लेकर जरूर पूछना चाहता हूं, क्या अलका लांबा जो कि दिल्ली की विधायक रही हैं क्या उनका सवाल पूछना गुनाह था. जिग्नेश मेवानी का देश के प्रधानमंत्री से सवाल पूछना क्या गुनाह था. जिस तरह की कार्रवाई असम पुलिस हमारे उस दलित युवा नेता पर करते हैं और अलका लांबा पर करते हैं, डॉ. कुमार विश्वास पर करते हैं यह दिखाता है कि पुलिस का दुरुपयोग का चलन बढ़ता जा रहा है. कहीं न कहीं इससे पुलिस के अंदर एक-दूसरे के खिलाफ मनमुटाव और भेदभाव की भावना बढ़ती जा रही है. यह बहुत ही संकट का विषय है."
उन्होंने आगे कहा कि "पंजाब काफी संवेदनशील प्रदेश है जहां आतंकवाद की घटनाएं भी होती रहती हैं. पाकिस्तान जो हमारा पड़ोसी मुल्क है वहां से इस तरह की सूचनाएं मिलती रहती हैं. मन का तालमेल क्या पुलिस भविष्य में बैठा पाएगी? राजनीतिक सियासी दलों के कारण आज मैं यह कहना चाहता हूं कि तीन प्रदेशों की पुलिस आमने-सामने है. जिस प्रकार से दिल्ली से लेकर पंजाब तक एक-दूसरे का पीछा किया गया राइफल निकाल ली गई एक दूसरे पाएंगे. क्या भविष्य में तालमेल बैठा पाएंगे ? अपराधियों पर नकेल कसने के बजाय आज पुलिस एक-दूसरे के खिलाफ हथियार लेकर खड़ी है. यह किस तरह की राजनीति बदलने की बात कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल से मैं यह प्रश्न पूछना चाहता हूं कि दिल्ली के अंदर 5000 से ज्यादा कॉल रजिस्टर होती है प्रतिदिन. मैं यह प्रश्न भाजपा से भी पूछना चाहूंगा. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से भी कि क्या आप इतनी फुर्ती और तत्परता से उन कॉल पर भी दिखाते हैं जो रोजाना रजिस्टर होती हैं. जिस तरह से पुलिस के दुरुपयोग का नया चलन चला है उसका दुष्परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकता है.
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