नई दिल्ली: 13 जून से दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में एक सर्कुलर जारी किया है. इसके बाद से राजनीतिक माहौल में गहमागहमी बनी हुई है. सर्कुलर को लेकर दिल्ली कांग्रेस कमेटी लगातार आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े कर रही है.
दिल्ली की पूर्व शिक्षा मंत्री रहीं प्रोफेसर किरण वालिया ने भी सर्कुलर पर आपत्ति जताई है. उनकी मांग है कि दिल्ली सरकार इसे तत्काल प्रभाव से वापस ले.
'अभिभावकों को किया जा रहा टारगेट'
किरण वालिया ने आरोप लगाया है कि इस सर्कुलर के माध्यम से आम आदमी पार्टी अभिभावकों से पूछ रही है कि लोकसभा चुनाव में आपने हमारा साथ क्यों नहीं दिया? वहीं दूसरी ओर वो अभिभावकों के नाम, पता, मोबाइल नंबर भी जुटा रही है, ताकि विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें टारगेट कर सके.
किरण वालिया का कहना है कि इस सर्कुलर में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को संचालित करने वाले उद्देश्य और नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है. 'केजरीवाल, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की बजाय अपना राजनीतिक हित साधने में लगे हैं.' उनका कहना है दिल्ली में जब शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकार थी, तब 15 वर्षों तक सरकारी स्कूलों के परिणामों में अभूतपूर्व सुधार हुए. कांग्रेस ने 15 साल तक कभी भी शिक्षा के मंदिर में राजनीतिक हित साधने की कोशिश नहीं की.
'वापस लिया जाए सर्कुलर'
प्रोफेसर किरण वालिया का कहना है कि जिस तरीके से दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों में 13 जून को सर्कुलर जारी किया है, वो सिर्फ और सिर्फ आगामी विधानसभा चुनाव में वोट पाने का गलत तरीका है. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी घिनौनी राजनीति पर उतर आई है और इस बाबत सर्कुलर जारी कर अभिभावकों पर दबाव बना रही है. इसलिए जरूरी है कि आम आदमी पार्टी की ओर से जारी किए गए इस सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.