नई दिल्ली: दुष्कर्म मामलों में छह माह के भीतर ही फांसी की सजा सुनाए जाने सहित तमाम मांगों को लेकर राजघाट के नजदीक दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल आमरण अनशन पर बैठी हैं. आज उनके अनशन का छठा दिन है.
बता दें कि इसी क्रम में शनिवार को पूर्व सांसद शरद यादव भी स्वाति मालीवाल के समर्थन में उनसे मिलने पहुंचे थे. शरद यादव ने कहा कि घटनाओं के बाद एक्शन के कोई मायने नहीं है, सरकार का काम है कि ऐसी घटनाओं को होने से रोकें.
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रख हौसला वो मंजर भी आयेगा; प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा! थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर; मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 8, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अनशन को आज 6 दिन होने जा रहे हैं। रगों में इंकलाब लिए ये जंग जारी है।
">रख हौसला वो मंजर भी आयेगा; प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा! थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर; मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 8, 2019
अनशन को आज 6 दिन होने जा रहे हैं। रगों में इंकलाब लिए ये जंग जारी है।रख हौसला वो मंजर भी आयेगा; प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा! थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर; मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 8, 2019
अनशन को आज 6 दिन होने जा रहे हैं। रगों में इंकलाब लिए ये जंग जारी है।
बता दें कि इस बीच आज स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा कि रख हौसला वो मंजर भी आयेगा, प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा! थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर; मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा! अनशन को आज 6 दिन होने जा रहे हैं, रगों में इंकलाब लिए ये जंग जारी है.
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अपने लिए जीये तो क्या जीये
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 7, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अपने लिए मरे तो क्या मरे।
बस इतना अरमान है...
जिस दिन देह अंतिम विदा होगा
उस दिन इंकलाब भी हमपर फिदा होगा!
अनशन का पांचवा दिन है। शरीर थोड़ा कमज़ोर लेकिन हौसले मज़बूत हैं। इंकलाब ज़िंदाबाद !
">अपने लिए जीये तो क्या जीये
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 7, 2019
अपने लिए मरे तो क्या मरे।
बस इतना अरमान है...
जिस दिन देह अंतिम विदा होगा
उस दिन इंकलाब भी हमपर फिदा होगा!
अनशन का पांचवा दिन है। शरीर थोड़ा कमज़ोर लेकिन हौसले मज़बूत हैं। इंकलाब ज़िंदाबाद !अपने लिए जीये तो क्या जीये
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 7, 2019
अपने लिए मरे तो क्या मरे।
बस इतना अरमान है...
जिस दिन देह अंतिम विदा होगा
उस दिन इंकलाब भी हमपर फिदा होगा!
अनशन का पांचवा दिन है। शरीर थोड़ा कमज़ोर लेकिन हौसले मज़बूत हैं। इंकलाब ज़िंदाबाद !
वहीं अनशन के पांचवे दिन उन्होंने ट्वीट किया था कि अपने लिए जीये तो क्या जीये. अपने लिए मरे तो क्या मरे. बस इतना अरमान है... जिस दिन देह अंतिम विदा होगा, उस दिन इंकलाब भी हमपर फिदा होगा! अनशन का पांचवा दिन है। शरीर थोड़ा कमज़ोर लेकिन हौसले मज़बूत हैं। इंकलाब ज़िंदाबाद !