नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब उनका नाम अस्पताल घोटाले में सामने आया है. विजिलेंस मंत्री आतिशी ने 17 नवंबर शुक्रवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जांच रिपोर्ट सौंप दी है.
मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने बेटे की एक और कंपनी को 7 महीने पहले दिल्ली सरकार के आईएलबीएस अस्पताल में बिना टेंडर के एआई सॉफ्टवेयर बनाने का काम दिलाया था. fसमें इस कंपनी को करोड़ों रुपए का मुनाफा हुआ है. साथ ही जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि जिस कंपनी को सॉफ्टवेयर बनाने का काम दिया गया था, उस कंपनी को सॉफ्टवेयर बनाने का कोई अनुभव ही नहीं था.
चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार पर आरोप
- चीफ सेक्रेटरी ने अपने बेटे की एक और कंपनी को दिल्ली सरकार के ILBS अस्पताल से बिना टेंडर AI सॉफ्टवेर बनाने का काम दिलवाया.
- ILBS अस्पताल के चेयरमैन हैं दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार
- नरेश कुमार के बेटे की कंपनी 7 महीने पहले बनी, उस कंपनी को AI software बनाने का कोई अनुभव नहीं था
आतिशी ने ईडी और सीबीआई को लिखा पत्र: विजिलेंस मंत्री आतिशी ने केजरीवाल को कथित अस्पताल घोटाले की विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव पर द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में भूमि अधिग्रहण घोटाले का आरोप लगाया था. बता दें कि गुरुवार को सीएम केजरीवाल के निर्देश पर आतिशी ने ईडी और सीबीआई के निदेशकों को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा प्राप्त करने के मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के डीएम हेमंत कुमार और डिवीजन कमिश्नर अश्वनी कुमार की भूमिका की जांच करने की सिफारिश की है.