नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने मंगलवार को शिक्षा से सम्बंधित कई वित्तीय प्रावधानों को मंजूरी दी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है, सरकारी और वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से पैसे भेजना. पाठ्यपुस्तकों और लेखन सामग्रियों की खरीद के लिए 11 लाख छात्रों को ये पैसे ट्रांसफर किए जाने हैं. इसके तहत, 64.37 करोड़ के फंड को मंजूरी दी गई है.
पहली से आठवीं तक के लिए योजना
आपको बता दें कि हर साल दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को डीबीटी के माध्यम से पाठ्यपुस्तकें और आर्थिक सहायता दी जाती है. कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को यह सहायता राशि पुस्तकों और लेखन सामग्री के लिए दी जाती है. इस योजना के अंतर्गत, दिल्ली ब्यूरो ऑफ़ टेक्स्ट बुक के लिए भी 30.05 करोड़ रुपए की भी मंजूरी दी गई है.
फीस वृद्धि मामलों का होगा निस्तारण
यह फंड, प्रकाशन सामग्री, छात्र डायरी, कार्यपुस्तिका और हैप्पीनेस करिकुलम से संबंधित सामग्री, मेन्टल मैथ्स आदि के प्रकाशन और वितरण के लिए है. इसके अलावा, कैबिनेट ने सरकारी भूमि पर बने निजी स्कूलों द्वारा वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए फीस वृद्धि संबंधी प्रस्ताव की जांच एवं निस्तारण करने के लिए पीएमयू की स्थापना को भी मंजूरी दी है. इसके जरिए 2018-19 और 2019-20 के फीस वृद्धि मामलों का निस्तारण किया जाएगा.
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ताकि बाधित न हो बच्चों की पढ़ाई
इन फैसलों को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ऐसे कठिन समय में आर्थिक तंगी के बावजूद दिल्ली सरकार बच्चों की शिक्षा में आने वाली हर बाधा को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बच्चों को दी गई वित्तीय सहायता के माध्यम से सभी बच्चे अध्ययन सामग्री और पाठ्यपुस्तकें खरीद पाएंगे और अपनी पढ़ाई से अच्छी तरह जुड़े रहेंगे.