नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने एलजी को पत्र लिख भागीरथ प्लेस अग्निकांड पीड़ित 300 दुकानदारों को उनकी दुकान के पुनर्निर्माण की अनुमति देने का अनुरोध किया है. कहा है कि डीडीए एवं नगर निगम की रीडेवेलपमेंट प्लान बनाने की विफलता की सजा दुकानदारों को ना दी जाए. पुरानी दिल्ली चांदनी चौक क्षेत्र में आने वाले प्रमुख बाजारों में से एक भगीरथ पैलेस के अंदर नवंबर महीने में लगी भयंकर आग के चलते दो इमारतें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थीं. इससे 300 दुकानदारों की रोजी-रोटी भी छिन गई थी. इस आग के चलते ना सिर्फ बाजार को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ बल्कि व्यापारियों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. इस बीच बीते दिनों पूरे मामले को लेकर उपराज्यपाल के द्वारा पूरे मामले पर एक रिपोर्ट भी मांगी गई थी.
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प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है की 24 नवम्बर 2022 को लगी भीषण आग ने 1962 से व्यापारिक क्षेत्र घोषित भागीरथ प्लेस की दो बिल्डिंगों को पूरी तरह नष्ट करके लगभग 300 दुकानदारों के बर्बादी की कगार पर ला दिया. और अब दिल्ली सरकार के शाहजहांबाद रीडेवेलपमेंट कार्पोरेशन के प्रशासकीय अधिकारियों की संवेदनहीनता के चलते वे दुकानदार अब अपनी दुकानों का पुनर्निर्माण नहीं कर पा रहे है.
कार्पोरेशन के अधिकारी कहते हैं कि चूंकि पुरानी दिल्ली का रीडिवेलपमेंट प्लान तैयार नही है, अतः इन्हे दुकानों के पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती. जबकि सत्य यह है की मास्टर प्लान अनुसार रीडेवेलपमेंट प्लान 2010 तक नया था जो प्रशासकीय अधिकारियों की अकर्मण्यता के चलते नहीं बना है. यह खेद का विषय है कि आज अधिकारी अपनी विफलता की सजा दुकानदारों को दे रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने पत्र में कहा है की भागीरथ प्लेस की दुघर्टना एक आपदा थी. जांच मे भी ऐसा कोई कारण सामने नही आया है जिससे लगे कि यह कोई मानवीय कारणों से लगी आग है. अतः उपराज्यपाल सम्बंधित दिल्ली नगर निगम अधिकारियों एवं पीड़ित दुकानदारों की एसोसिएशन की बैठक बुला कर इन्हे मानवीय आधार पर भवन उपनियम 2.0.1डी के तहत दुकानों के पुनर्निर्माण की अनुमति दिलवाएं.
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