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AAP विधायक पर भ्रष्टाचार का केस चलाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाएगी ACB, जानें पूरा मामला

कृष्णा नगर से AAP के विधायक एसके बग्गा की मुश्किलें बढ़ सकती है. उन पर लगे टिकट के बदले पैसा लेने के आरोप की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (Delhi Anti Corruption Bureau) ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. इससे पहले ACB को विधानसभा अध्यक्ष ने केस चलाने की मंजूरी नहीं दी थी.

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Published : Jan 10, 2023, 6:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) AAP विधायक एसके बग्गा पर भ्रष्टाचार का केस चलाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रूख करेगी. उनसे यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से अनुमति नहीं मिलने पर किया है. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर से विधायक बग्गा पर आप कार्यकर्ता राजू सचदेवा से कई बार अलग-अलग बहाने से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. कॉल रिकॉर्डिंग के रूप में पुख्ता सबूत होने के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब ACB ने बग्गा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की मांग करते हुए गोयल से संपर्क किया, तब उन्होंने अभियोजन स्वीकृति देने से इनकार कर दिया.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, "गोयल ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) द्वारा पर्याप्त रूप से सत्यापित सबूतों की पूरी तरह से अवहेलना की और एक पक्षपातपूर्ण और संदिग्ध व्यक्तिगत 'ज्ञान' का सहारा लेकर बग्गा को पूरी तरह से छोड़ दिया."

टिकट के बदले रुपए लेने का आरोपः सूत्रों ने दावा किया है कि 9 नवंबर, 2015 को अपनी शिकायत में सचदेवा ने आरोप लगाया था कि बग्गा ने 2017 के दिल्ली निकाय चुनाव में आम आमी पार्टी (आप) का टिकट दिलाने का वादा करके अलग-अलग मौकों पर 11,000 रुपए, 21,000 रुपए और 25,000 रुपये लिए. इसके बाद बग्गा ने सचदेवा से 2 लाख रुपए और फिर से एक लाख रुपए की मांग की, लेकिन सचदेवा ने पैसे देने से इनकार कर दिया.

उन्होंने आगे खुलासा किया कि नवंबर 2015 में बग्गा ने सचदेवा को न्यू गोविंदपुरा के गांधी पार्क में दिवाली समारोह आयोजित करने के लिए कहा था और वादा किया था कि मुख्यमंत्री वहां मुख्य अतिथि होंगे. शिकायतकर्ता ने कहा कि बग्गा ने कार्यक्रम में केजरीवाल की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 5 लाख रुपए की मांग की थी. सचदेवा ने मांगे गए 5 लाख रुपए नहीं दिए, इसलिए बग्गा ने केजरीवाल को मुख्य अतिथि बनाने से इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ें: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में लॉरेंस बिश्नोई को 14 दिन की NIA रिमांड पर भेजा गया

FSL रिपोर्ट में भी ऑडियो की सत्यता की पुष्टिः सचदेवा ने बग्गा के साथ टेलीफोन पर हुई पूरी बातचीत को रिकॉर्ड किया था और उसे केजरीवाल को सौंप दिया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में सचदेवा ने ऑडियो रिकॉर्डिंग एसीबी को दी और एसीबी ने 9 मार्च 2018 को एफआईआर दर्ज की. जांच के दौरान एसीबी ने बग्गा और सचदेवा दोनों के आवाज के नमूने लिए और जांच के लिए रोहिणी स्थित एफएसएल भेजे. एफएसएल रिपोर्ट ने पुष्टि की कि ऑडियो रिकॉर्डिंग वास्तविक थी और बग्गा की आवाज का नमूना ऑडियो रिकॉर्डिंग से मेल खाता था.

स्पीकर ने नहीं दी मंजूरीः इसके बाद 23 मार्च 2022 को एसीबी ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत बग्गा पर मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की अनुमति मांगी. मगर गोयल ने यह कहते हुए उसके अनुरोध को ठुकरा दिया कि तथ्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत किसी भी अपराध का खुलासा नहीं करते हैं. इसलिए उन्होंने इस मामले में अभियोजन पक्ष को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. अब इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभियोजन स्वीकृति से इनकार के खिलाफ अदालत में अपील दायर करने के लिए आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है.

(पीटीआई)

ये भी पढ़ें: डीईआरसी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति की मंजूरी के लिए सिसोदिया ने LG को लिखा पत्र

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) AAP विधायक एसके बग्गा पर भ्रष्टाचार का केस चलाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रूख करेगी. उनसे यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से अनुमति नहीं मिलने पर किया है. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर से विधायक बग्गा पर आप कार्यकर्ता राजू सचदेवा से कई बार अलग-अलग बहाने से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. कॉल रिकॉर्डिंग के रूप में पुख्ता सबूत होने के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब ACB ने बग्गा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की मांग करते हुए गोयल से संपर्क किया, तब उन्होंने अभियोजन स्वीकृति देने से इनकार कर दिया.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, "गोयल ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) द्वारा पर्याप्त रूप से सत्यापित सबूतों की पूरी तरह से अवहेलना की और एक पक्षपातपूर्ण और संदिग्ध व्यक्तिगत 'ज्ञान' का सहारा लेकर बग्गा को पूरी तरह से छोड़ दिया."

टिकट के बदले रुपए लेने का आरोपः सूत्रों ने दावा किया है कि 9 नवंबर, 2015 को अपनी शिकायत में सचदेवा ने आरोप लगाया था कि बग्गा ने 2017 के दिल्ली निकाय चुनाव में आम आमी पार्टी (आप) का टिकट दिलाने का वादा करके अलग-अलग मौकों पर 11,000 रुपए, 21,000 रुपए और 25,000 रुपये लिए. इसके बाद बग्गा ने सचदेवा से 2 लाख रुपए और फिर से एक लाख रुपए की मांग की, लेकिन सचदेवा ने पैसे देने से इनकार कर दिया.

उन्होंने आगे खुलासा किया कि नवंबर 2015 में बग्गा ने सचदेवा को न्यू गोविंदपुरा के गांधी पार्क में दिवाली समारोह आयोजित करने के लिए कहा था और वादा किया था कि मुख्यमंत्री वहां मुख्य अतिथि होंगे. शिकायतकर्ता ने कहा कि बग्गा ने कार्यक्रम में केजरीवाल की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 5 लाख रुपए की मांग की थी. सचदेवा ने मांगे गए 5 लाख रुपए नहीं दिए, इसलिए बग्गा ने केजरीवाल को मुख्य अतिथि बनाने से इनकार कर दिया.

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FSL रिपोर्ट में भी ऑडियो की सत्यता की पुष्टिः सचदेवा ने बग्गा के साथ टेलीफोन पर हुई पूरी बातचीत को रिकॉर्ड किया था और उसे केजरीवाल को सौंप दिया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में सचदेवा ने ऑडियो रिकॉर्डिंग एसीबी को दी और एसीबी ने 9 मार्च 2018 को एफआईआर दर्ज की. जांच के दौरान एसीबी ने बग्गा और सचदेवा दोनों के आवाज के नमूने लिए और जांच के लिए रोहिणी स्थित एफएसएल भेजे. एफएसएल रिपोर्ट ने पुष्टि की कि ऑडियो रिकॉर्डिंग वास्तविक थी और बग्गा की आवाज का नमूना ऑडियो रिकॉर्डिंग से मेल खाता था.

स्पीकर ने नहीं दी मंजूरीः इसके बाद 23 मार्च 2022 को एसीबी ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत बग्गा पर मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की अनुमति मांगी. मगर गोयल ने यह कहते हुए उसके अनुरोध को ठुकरा दिया कि तथ्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत किसी भी अपराध का खुलासा नहीं करते हैं. इसलिए उन्होंने इस मामले में अभियोजन पक्ष को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. अब इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभियोजन स्वीकृति से इनकार के खिलाफ अदालत में अपील दायर करने के लिए आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है.

(पीटीआई)

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