ETV Bharat / state

टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक की सजा पर फैसला आज - टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक की सजा पर फैसला

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासीन मलिक को सजा पर फैसला सुना सकता है. स्पेशल जज प्रवीण सिंह सजा का एलान करेंगे.

Patiala House court Delhi
Patiala House court Delhi
author img

By

Published : May 25, 2022, 11:18 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट बुधवार को हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासीन मलिक को सजा पर फैसला सुना सकता है. स्पेशल जज प्रवीण सिंह सजा का एलान करेंगे.

इस मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. 10 मई को यासीन मलिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. 16 मार्च को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. NIA के मुताबिक पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI के सहयोग से लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, JKLF, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना की गई.

NIA के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद NIA ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और UAPA की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट बुधवार को हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासीन मलिक को सजा पर फैसला सुना सकता है. स्पेशल जज प्रवीण सिंह सजा का एलान करेंगे.

इस मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. 10 मई को यासीन मलिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. 16 मार्च को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. NIA के मुताबिक पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI के सहयोग से लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, JKLF, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना की गई.

NIA के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद NIA ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और UAPA की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.