नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल सरकार द्वारा गठित दिल्ली डायलॉग कमीशन (DDC Vice Chairman Jasmine Shah) के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को मिलने वाली सरकारी सेवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किया है. उनका दफ्तर भी बंद कर दिया गया है. उन्हें मिलने वाली सरकारी गाड़ी, मैन पावर/स्टाफ सुविधा भी बंद करने को कहा है. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जैस्मीन शाह को डीडीसी के उपाध्यक्ष के पद से हटाने के लिए कहा है, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यालय का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया था.
सत्ता में आने के बाद केजरीवाल सरकार द्वारा गठित दिल्ली डायलॉग कमीशन को सरकार अपना थिंकटैंक मानती है. जनहित से जुड़ी योजनाओं को तैयार करने और उसे लागू करने की जिम्मेदारी सरकार ने डीडीसी को दे रखी है. इसके पहले उपाध्यक्ष की पदवी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तब पार्टी के शामिल हुए आशीष खेतान को दी थी, लेकिन वर्ष 2018 में उन्होंने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद जैस्मिन शाह को उपाध्यक्ष बनाया गया.
दिल्ली का संवाद और विकास आयोग (डीडीसी) दिल्ली सरकार का थिंक-टैंक है, जो सरकार को दिल्ली के सामने आने वाली महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों का स्थाई, जन केंद्रित समाधान खोजने की सलाह देता है. यह निम्नलिखित चार व्यापक कार्य करता है-
1. नीति डिजाइन
2. समर्थन नीति कार्यान्वयन
3. सहभागी शासन को बढ़ावा देना
4. निगरानी, मूल्यांकन और सीखना
डीडीसी का कार्य निम्नलिखित छह क्षेत्रों के आसपास होता है-
1. सामाजिक क्षेत्र
2. परिवहन और बुनियादी ढांचा
3. पर्यावरण
4. अर्थव्यवस्था
5. शासन
6. निगरानी, मूल्यांकन और सीखना
उधर जैस्मीन शाह ने शुक्रवार शाम को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुझे बताया गया है कि एलजी ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्हें लगता है कि जब मैं डीडीसी का उपाध्यक्ष हूं, तो साथ ही आप का प्रवक्ता नहीं हो सकता. ऐसे में उनसे मेरा सवाल है कि संबित पात्रा बीजेपी के प्रवक्ता होने के साथ-साथ आईटीडीसी के अध्यक्ष भी हैं, तो उनका कार्यालय भी सील होना चाहिए. उनको भी पद से हटाया जाना चाहिए. ऐसा क्यों हो रहा है कि एक ही देश में दो कानून लागू किए जा रहे हैं. हमारे लिए एक कानून और बीजेपी और संबित पात्रा के लिए अलग कानून है.
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