नई दिल्ली: मास्टर प्लान 2041 तैयार कर रही डीडीए ने दिल्ली के युवाओं से इसे लेकर बातचीत की. उन्होंने युवाओं से बातचीत कर जाना कि वो मास्टर प्लान से क्या चाहते हैं. ये पहली यूथ सभा डीडीए की ओर से आयोजित की गई थी. इसमें युवाओं ने बताया कि उनके घर से नजदीकी कॉलेज 25 किलोमीटर दूर है. अगले कुछ दिनों में दो अन्य यूथ सभा डीडीए आयोजित करेगा ताकि युवाओं से ज्यादा सुझाव मास्टर प्लान 2041 के लिए मिल सकें.
विकास के लिए दिल्लीवासियों से सुझाव मांगे
डीडीए के मुताबिक एनआईयूए(NIUA) के साथ मिलकर मास्टर प्लान-2041 तैयार कर रहे हैं. इसके लिए दिल्लीवासियों के सुझाव भी लिए जा रहे हैं. अलग-अलग आरडब्ल्यूए, एमडब्ल्यूए साथ ही युवाओं के साथ भी डीडीए बैठक कर रहा है. उनसे ये जानने की कोशिश की जा रही है कि वो मास्टर प्लान 2041 में किस तरह की सुविधाएं चाहते हैं. इसके लिए लोग डीडीए की वेबसाइट पर जाकर भी अपने सुझाव दे सकते हैं. डीडीए का मानना है कि लोगों की भागीदारी से वो एक बेहतर मास्टर प्लान तैयार करने में कामयाब होंगे और लोगों को इससे काफी सुविधा मिलेगी.
युवाओं ने बताई महत्वपूर्ण समस्याएं
डीडीए द्वारा आयोजित की गई पहली यूथ सभा में 15 से 30 साल के 805 युवाओं ने पंजीकरण कराया और 450 युवाओं ने इसमें हिस्सा लिया. इस बैठक में डीडीए एवं एनआईयूए के अधिकारियों ने भी भाग लिया.
उन्होंने इस बैठक के माध्यम से युवाओं से ये जानने की कोशिश की कि वो क्वालिटी एजुकेशन में किस प्रकार की सुविधाएं और चाहते हैं. इसके अलावा घर से उनके इंस्टिट्यूट तक कनेक्टिविटी को लेकर भी उनसे जानकारी हासिल की गई. उनसे ये भी पूछा गया कि रोजगार बढ़ाने के लिए किस तरीके से काम करना चाहिए.
युवाओं को नहीं रोजगार की गारंटी
यहां पर शामिल होने वाले अधिकांश युवाओं ने दिल्ली में ऐसे संस्थानों की कमी बताई जिससे ज्यादा संख्या में रोजगार हासिल किया जा सके. उन्होंने बताया कि भले ही वह अच्छे स्कूल और कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर लें लेकिन इसके बावजूद उन्हें नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं रहती है.
उन्होंने ऐसे स्किल सेंटर खोलने की आवश्यकता बताई जहां से कोर्स करने के बाद युवाओं को रोजगार मिल सके. नौकरी एवं रोजगार चाहने वाले के बीच में बने गैप को खत्म करने की आवश्यकता है. इसके लिए आगामी मास्टर प्लान में डीडीए को काम करना चाहिए. ऐसा नहीं होने की वजह से ही युवा अपराध की तरफ जाते हैं.
स्कूल से ही मिले स्किल ट्रेनिंग
युवाओं ने कहा की स्किल सेंटर अगर बनाए जाएंगे, तो उससे युवाओं में काफी प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने ये भी कहा कि मिडिल स्कूल से ही इसकी शुरुआत होनी चाहिए. ताकि वो जब स्कूल से निकले, तो उनमें आत्मविश्वास हो. ऐसा ना हो कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें दिशा तलाशनी पड़े. उन्होंने डीडीए को सलाह दी कि ट्रेडिशनल एजुकेशन के साथ ही प्रोफेशनल एजुकेशन पर भी ध्यान दिया जाए.
उन्होंने ऑनलाइन क्लास को लेकर भी सवाल उठाए और बताया कि गरीब बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं ले सकते हैं. इसके लिए ऐसी कोई जगह होनी चाहिए जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गरीब बच्चों की क्लास हो सके. स्कूल और कॉलेज की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है.
युवाओं के लिए बनें छात्रावास
युवाओं ने अपने लिए घर की कमी पर भी इस बैठक में जोर दिया. उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट के आस पास रहने के लिए अच्छे घर नहीं होते हैं. खासतौर से जो लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए घर या छात्रावास की व्यवस्था होनी चाहिए.
पीजी में लोगों की संख्या तय नहीं होती. वहां किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं होती. खासतौर से महिला परीक्षार्थियों को यहां ज्यादा समस्या होती है. कई बार ऐसे माहौल में छात्र खुदकुशी भी कर लेते हैं. उन्होंने डीडीए से मांग की कि उन्हें लाइब्रेरी, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, एंप्लॉयमेंट असिस्टेंट सेंटर बनाने चाहिए.
25 किलोमीटर दूर है कॉलेज
युवाओं ने डीडीए को बताया कि उनके घर के आसपास 10 किलोमीटर में कोई कॉलेज नहीं है. नजफगढ़ में रहने वाले एक युवा ने बताया कि उसके घर से सबसे नजदीक कॉलेज 25 किलोमीटर दूर है. वहां जाने में उसे एक घंटे का समय लगता है.
कई बच्चों ने शिकायत की कि उन्हें स्कूल/कॉलेज जाने में कम से कम 25 से 40 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता है. खासतौर से छात्राओं को परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि हाल ही में ग्रे लाइन गांव में पहुंची है. जिसके बाद उन्हें मेट्रो सुविधा मिल रही है. डीडीए को उन्होंने बताया कि कई जिलों में लाइब्रेरी की कमी है. इसे भी बढ़ाये जाने की आवश्यकता है.