नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मणिपुर में चल रही हिंसक झड़पों के संबंध में भारत की राष्ट्रपति को अंतरिम सिफारिशें भेजी हैं. मणिपुर, मई 2023 से जातीय संघर्षों से जूझ रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवाना पड़ा है.
आयोग ने इस प्रासंगिक मुद्दे पर माननीय राष्ट्रपति को 24 अंतरिम सिफारिशें दी हैं. इनमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना, मुख्यमंत्री का इस्तीफा और स्थिति का आकलन करने और राज्य में शांति लाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने के लिए प्रधान मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की तत्काल यात्रा शामिल है. दिल्ली महिला आयोग ने जातीय संघर्ष के मूल कारणों और संकट के प्रबंधन में सरकार के कार्यों और चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल की स्थापना का भी अनुरोध किया है. आयोग ने कहा है कि यह जांच पुलिस बलों से 4000 से अधिक अत्याधुनिक हथियार लूटने, और पिछले तीन महीनों में पुलिस की निष्क्रियता और/या मिलीभगत के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच करे.
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Subsequent to my on-ground visit to the violence hit state of #Manipur, I am sending DCW’s interim recommendations to the Hon’ble President. I interacted with hundreds of people in the state. I hope she will take necessary steps urgently! (1/2) pic.twitter.com/Fnotvqjcss
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— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) August 1, 2023
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आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में दो अलग-अलग एसआईटी गठित करने की भी मांग की है, जिनमें से एक हत्या, लापता व्यक्तियों आदि से संबंधित सभी मामलों की जांच की निगरानी करे और दूसरी विशेष रूप से यौन उत्पीड़न के मामलों को देखे. इसके अलावा, आयोग ने सिफारिश की है कि यौन हिंसा के सभी मामलों को सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए और इसकी सुनवाई राज्य के बाहर, विशेषकर दिल्ली में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए.
पीड़ित परिवारों को तत्काल 25 लाख रुपये का मुआवजा मिले
पीड़ित लोगों को उस राज्य में स्थानांतरण और पुनर्वास का विकल्प दिया जाना चाहिए जहां उनका मुकदमा चलेगा. उन्हें उचित परामर्श, कानूनी सहायता, आवास, सुरक्षा और आजीविका के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए. पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को तत्काल 25 लाख रुपये का मुआवजा पैकेज प्रदान किया जाना चाहिए.
आयोग ने यौन हिंसा के मामलों की शिकायत दर्ज़ करवाने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने की भी सिफारिश की है. इसमें कहा गया है कि यौन हिंसा का इस्तेमाल अक्सर संघर्ष क्षेत्र में कमजोर लोगों को अपमानित और आतंकित करने के लिए एक हथियार के रूप में किया जाता है. आशंका है कि पिछले तीन महीनों में मणिपुर में ऐसे कई मामले सामने आए होंगे. प्रशासन को तत्काल एक हेल्पलाइन स्थापित करनी चाहिए जो महिलाओं को यौन हिंसा के मामलों की शियाकत दर्ज़ करने के लिए प्रोत्साहित करे.
स्कूली बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की सिफारिश
आयोग ने गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ उन बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए भी सिफारिशें दी हैं जो हिंसा के दौरान अनाथ हो गए होंगे. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए आयोग ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की सिफारिश की है. इसमें कहा गया है कि जो कॉलेज छात्र विस्थापित हो गए हैं, उनके लिए जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों में स्थित कॉलेजों में प्रवेश की सुविधा की व्यवस्था की जानी चाहिए.
जरूरतमंद लोगों को मिले मुफ्त कानूनी सहायता
आयोग ने सभी प्रभावित जिलों में राहत सामग्री के निर्बाध प्रवाह की अनुमति देने के लिए सड़कों पर नागरिक नाकाबंदी पर रोक लगाने की भी मांग की है. इससे उच्च न्यायालय तक बेहतर पहुंच हो पाएगी जो वर्तमान में प्रतिबंधित है. मणिपुर के उन लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जानी चाहिए जिन्हें न्यायिक हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है. अन्य सिफारिशों में शवों को परिवारों को लौटाना, हिंसा से बचने के लिए भाग गए मणिपुरी लोगों के लिए अन्य राज्यों में राहत शिविर स्थापित करना, इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाने के अलावा आवागमन के लिए सभी जिलों और पड़ोस के शहर आइजोल तक हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करना शामिल है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने माननीय राष्ट्रपति से मिलने और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए भी समय मांगा है। उन्होंने कहा, ''मणिपुर में स्थिति बहुत परेशान करने वाली है। सामान्य स्थिति और शांति बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। मैंने माननीय राष्ट्रपति को एक अंतरिम रिपोर्ट और सिफारिशें सौंप दी हैं. ''
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