नई दिल्ली: इंद्रप्रस्थ कॉलेज में लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले में दिल्ली महिला आयोग ने इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज, दिल्ली पुलिस और डीयू को अंतरिम सिफारिशें भेजी हैं. स्वाति मालीवाल ने अपनी सिफारिश में कहा है कि आईपी वुमन कॉलेज में 28 मार्च को फेस्ट के दौरान कुछ लड़कों द्वारा लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था. अब मामले में आयोग ने पुलिस, डीयू और कॉलेज से 18 अप्रैल तक एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा करने को कहा है.
जब आयोग ने इस मुद्दे की जांच शुरू की थी. उस वक्त पुलिस, आईपी कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया गया था. इस प्रक्रिया में आयोग ने कुछ मुद्दों की पहचान की है. जांच में आयोग ने पाया कि दिल्ली पुलिस ने 6.04.2023 तक घटना के सीसीटीवी फुटेज एकत्र नहीं किए थे. हालांकि आयोग के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने कॉलेज से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किया, लेकिन आयोग को सूचित किया गया कि यह अधूरा है. हालांकि आयोग ने पुलिस को घटना के पूरे सीसीटीवी फुटेज एकत्र करने और सभी अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा है.
दिल्ली पुलिस द्वारा आयोग को सूचित किया गया है कि घटना के 14 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक केवल 2 पीड़ितों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए हैं. आयोग ने सिफारिश की है कि सभी पीड़ित लोगों के बयान तुरंत दर्ज किए जाने चाहिए. इसके अलावा पुलिस ने आयोग को सूचित किया कि उन्होंने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था , लेकिन उन्हें उसी तारीख को छोड़ दिया गया था.
दिल्ली पुलिस ने आयोग को बताया कि कॉलेज द्वारा कार्यक्रम आयोजित करने से पहले इसकी सूचना नहीं दी गई थी, जिसमें उन्होंने हजारों लोगों को आमंत्रित किया था. मामले में आयोग का कहना है कि पुलिस और कॉलेज के बीच तालमेल का अभाव है. ऐसे में आयोग ने सिफारिश की है कि कॉलेजों में किसी भी फेस्ट के आयोजन से पहले पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय और दिल्ली पुलिस को एक समन्वित रणनीति तैयार करनी चाहिए.
कॉलेज की प्राचार्य आयोग के सामने हुई पेश: आयोग ने मामले में यह भी देखा कि यौन उत्पीड़न के संबंध में शिकायतों को आईपी कॉलेज के आईसीसी को 06.04.2023 (आयोग के समक्ष उपस्थित होने की तिथि) तक नहीं भेजा गया था. आयोग ने सिफारिश की है कि कॉलेज में यौन उत्पीड़न की सभी शिकायतों को तुरंत कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति को भेजा जाना चाहिए, ताकि कानून के अनुसार कार्रवाई की जा सके. आयोग ने इस समिति में महिलाओं के अधिकारों पर काम करने वाले एक प्रतिष्ठित एनजीओ से आईसीसी में एक बाहरी सदस्य को शामिल करने की भी सिफारिश की है. वहीं इस मामले में आईपी कॉलेज की प्राचार्य आयोग के सामने पेश हुईं. उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए एक 'अनुशासनात्मक समिति' का गठन किया गया है.
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आयोग ने 18 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी: आयोग ने जांच में आगे पाया कि विश्वविद्यालय के मौजूदा दिशा-निर्देशों में कई मुद्दों पर गंभीर रूप से कमी है. उनके पास ऐसे कोई एसओपी नहीं है, जिनका कॉलेजों को ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से पहले पालन करना चाहिए. डीसीडब्लू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का कहना है कि यह निराशाजनक है कि तीनों घटनाओं गार्गी कॉलेज, मिरांडा हाउस और आईपी कॉलेज में सुरक्षा चूक को लेकर पुलिस या आईपी कॉलेज के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बहरहाल, आयोग ने अभी अंतरिम सिफारिशें दी हैं और विभागों से 18 अप्रैल 2023 तक विस्तृत बिंदुवार रिपोर्ट मांगी है.
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