नई दिल्लीः एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर के गेट नंबर 5 के बाहर बीते नौ दिनों से चल रही डीबीसी कर्मचारियों की लंबी अनिश्चितकालीन हड़ताल आज आखिरकार खत्म (Indefinite strike of DBC employees ends) हो गई. बीजेपी के नेता और पूर्व मेयर जयप्रकाश ने डीबीसी कर्मचारियों के बीच में पहुंचकर ना सिर्फ उनका हालचाल जाना बल्कि कमिश्नर ज्ञानेश भारती के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर कर्मचारी की परेशानी उनके सामने रखी. इसके बाद समस्याओं के निवारण को कमिश्नर के आश्वासन पर डीबीसी कर्मचारियों ने आज अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म कर दी.
दिल्ली की एकीकृत एमसीडी में कार्यरत डीबीसी कर्मचारी 1 नवंबर से लगातार अपनी मांगों को लेकर एमसीडी हेडक्वार्टर सिविक सेंटर के गेट नंबर 5 के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए थे. डीबीसी कर्मचारियों की प्रमुख मांगे 2006 से पहले नियुक्त किए गए कर्मचारियों को पक्का किए जाने के साथ कोरोना काल में जिन भी डीबीसी कर्मचारियों की मृत्यु हुई है, उनपर आश्रित उसके परिवार लोगों को करुणा मूल आधार पर सरकारी नौकरी दी जाने की है. साथ ही मेडिक्लेम और अन्य चीजों को लेकर भी डीबीसी कर्मचारी की एक अन्य मांग पदनाम देने की भी है. दरअसल डीबीसी कर्मचारी बिना किसी पद के अभी तक पिछले कई सालों से एमसीडी के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि डीबीसी कर्मचारियों को एक पद का नाम दिया जाए.
इन सबके बीच आज एमसीडी के पूर्व मेयर और बीजेपी नेता जयप्रकाश ने सिविक सेंटर गेट नंबर 5 के बाहर चल रही डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल में उनसे मिलने गए. जहां जयप्रकाश ने ना सिर्फ कर्मचारियों की हड़ताल खत्म करवाई बल्कि निगम कमिश्नर ज्ञानेश भारती के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर डीबीसी कर्मचारियों की सभी परेशानियों को जाना बल्कि जल्द से जल्द हल निकालने के लिए भी कमिश्नर ज्ञानेश भारती से अपील की.
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पूर्व मेयर जयप्रकाश ने डीबीसी कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर निगम कमिश्नर ज्ञानेश भारती की अहम बैठक में डीबीसी कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देव आनंद शर्मा और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में डीवीसी कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सहमति बन गई. इसमें करुणा मूल आधार पर नौकरी देने की बात को लेकर भी सहमति बन गई. एमसीडी आयुक्त ज्ञानेश भारती के आश्वासन के बाद डीबीसी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है.