नई दिल्ली: वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है, अन्यथा पांच हजार रुपये तक का चालान हो सकता है. लोग हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) के लिए इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो इसके लिए कई वेबसाइट सामने आती हैं. इनमें ज्यादातर वेबसाइट फर्जी हैं, जिनपर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और अन्य विवरण डालने के बाद क्यूआर कोड आता है. यहां भुगतान करने के बाद न तो कोई अपडेट मिलती है और न ही नंबर प्लेट मिलती है.
दिल्ली के आईटीओ स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत मिलन ने बताया कि दो माह पूर्व उनकी दिल्ली में नौकरी लगी. वह गाजियाबाद के वैशाली में रहते हैं. उनकी बाइक पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं है. ऐसे में वह बाइक से ऑफिस नहीं आ पाते हैं. इस प्लेट के लिए उन्होंने एक माह पहले इंटरनेट पर एचएसआरपी लिखकर सर्च किया. इसके बाद कई वेबसाइट खुल गईं. उन्होंने एक पर वेबसाइट पर बाइक का विवरण डाला. इसके बाद एक क्यूआर कोड आया. उस क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद 370 रुपये का भुगतान भी किया, लेकिन इसके बाद वेबसाइट से कोई अपडेट नहीं मिली. अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी नहीं मिली.
लोगों को सावधान रहने की जरूरत
दिल्ली सरकार में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त डिप्टी कमिश्नर अनिल चिकारी ने बताया कि एसएसआरपी और आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर ठगी के लिए साइबर ठगों ने फर्जी वेबसाइट बना रखी है. ठगी के कई मामले मेरे संज्ञान में आ चुके हैं. सरकार इस तरह की ठगी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है. ऐसे में लोगों को ही सावधान रहने की जरूरत है.
सरकारी वेबसाइट पर ही करें आवेदन
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल का कहना है कि सरकार द्वारा 2019 से पहले के भी सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. एचएसआरपी के नाम पर ठगी करने वाली वेबसाइट एक्टिव हैं. गूगल पर एचएसआरपी लिखते ही कई वेबसाइट आ जाती हैं. इन वेबसाइट पर भुगतान करने से पहले देखें कि क्या वह विभाग की सरकारी वेबसाइट है, एनआइसी की है या नहीं. सिर्फ सरकारी वेबसाइट पर भी भुगतान करें. अन्यथा ठगी के शिकार हो सकते हैं.
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