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लॉकडाउन में तेजी से बढ़े साइबर क्राइम के मामले, नए-नए तरीकों से हुई ठगी

दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है, हालांकि इन मामलों में अनलॉक के बाद कमी आई है, लेकिन साइबर क्रिमिनल लगातार एक्टिव हैं और अलग-अलग तरीकों से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. जानिए दिल्ली में कैसे बढ़े साइबर क्राइम के मामले और कैसे कर सकते हैं अपना बचाव...

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लॉकडाउन में तेजी से बढ़े साइबर क्राइम के मामले
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Published : Dec 24, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 10:43 AM IST

नई दिल्ली: मोबाइल फोन जो आज रोजमर्रा की जरूरत बन गई है, उसके जरिए लोगों के जेब खाली हो रहे हैं. राजधानी में साइबर क्रिमिनल बहुत ज्यादा एक्टिव हैं, जो मोबाइल फोन के जरिए आपके बैंक खातों को खाली कर सकते हैं. उनके द्वारा ठगी करने के ऐसे-ऐसे नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसके चुंगल में कोई भी आसानी से फंस सकता है.

लॉकडाउन में तेजी से बढ़े साइबर क्राइम के मामले
लॉकडाउन में दर्ज हुए सबसे ज्यादा मामले राजधानी में लॉकडाउन के दौरान साइबरक्राइम के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. साइबर सेल के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद साइबर क्रिमिनल सबसे ज्यादा एक्टिव हुए. साइबर सेल से प्राप्त डाटा के अनुसार मार्च में जहां साइबर अपराध के 1895 शिकायतें आई थीं, वहीं अप्रैल में यह शिकायतें बढ़कर 3372 हो गईं. मई में 4188 मामले सामने आए तो वही जून में 3239 शिकायतें दर्ज की गईं. वहीं जैसे-जैसे अनलॉक होता गया, वैसे-वैसे मामले भी कम होते चले गए.अलग-अलग तरीकों से हुई ठगीसाइबर सेल के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान ठगों ने अलग-अलग तरीकों से लोगों के साथ ठगी की. ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान लोग ठगे गए तो वहीं नौकरी के लिए फर्जी वेबसाइट तक बनाई गई. कुछ लोगों को व्हाट्सएप लिंक के जरिए ठगा गया और भी कई तरह के मामले लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराध से जुड़े सामने आए हैं.वीडियो कॉल के जरिए हो रही धोखाधड़ी साइबर सेल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान धोखाधड़ी का एक नया तरीका साइबर अपराधियों द्वारा अपनाया जा रहा है. जिसमें साइबर अपराधी किसी न किसी माध्यम से सामने वाले शख्स को वीडियो कॉल पर जुड़ने के लिए कहते हैं. जब वह शख्स उनके झांसे में आकर वीडियो कॉल जॉइन करता है तो उसकी वीडियो को रिकॉर्ड कर लिया जाता है और उसमें एडिटिंग के जरिए अश्लील वीडियो ऐड कर दी जाती है. इसके बाद वह वीडियो उसी शख्स को भेजा जाता है और यह धमकी दी जाती है कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उसकी वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा. पिछले 2 महीने में इस तरह की अब तक 100 से ज्यादा शिकायतें साइबर सेल को मिल चुकी हैं. जिनकी जांच की जा रही है.फेसबुक के जरिए हो रही धोखाधड़ी

अश्लील वीडियो के अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए भी लोगों को ठगा जा रहा है. उनके निशाने पर ऐसे लोग होते हैं, जो अपनी छोटी से छोटी जानकारी भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. ऐसे लोगों को ठगने के लिए साइबर अपराधी पहले उनकी फेक प्रोफाइल बनाते हैं और उनके परिचितों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद उनके दोस्तों से पैसे की डिमांड की जाती है, जिसके बाद लोगों को पता चलता है कि उनके नाम पर धोखाधड़ी हुई है.

मेवात बना साइबर अपराधियों का गढ़
साइबर सेल से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी दिल्ली में ना बैठ कर पड़ोसी राज्य हरियाणा के मेवात में बैठे हैं और वहीं से इस पूरे गैंग को ऑपरेट किया जाता है. कई मामलों की छानबीन के दौरान यह पता चला है कि साइबर अपराधी मेवात में बैठकर अपने लोगों के जरिए राजधानी दिल्ली में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

तेलंगाना और असम के सिम के जरिए हो रही धोखाधड़ी
असम और तेलंगाना के मोबाइल सिम के जरिए राजधानी दिल्ली के लोगों को ठगा जा रहा है तो वहीं जामताड़ा के अपराधी पश्चिम बंगाल की सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं. अधिकारी बताते है कि कुछ दिनों पहले जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को 14 हजार फर्जी नंबर मिले थे, जो सभी मेवात क्षेत्र में एक्टिव थे. इस बारे में दूरसंचार विभाग को भी सूचित किया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.



सावधानी ही है बचाव
इस पूरे मामले पर साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के जानकार रिटायर्ड एसीपी वेद भूषण ने बताया कि साइबर क्राइम से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है. अगर मोबाइल पर कोई ऐसा मैसेज आता है तो उसे अच्छे से पढ़ने के बाद ही किसी लिंक पर क्लिक करना चाहिए. कोई भी बैंकिंग या इंश्योरेंस कंपनी कभी डायरेक्ट अपने कस्टमर से कॉल या मैसेज के जरिए बात नहीं करती तो इसलिए ऐसे मामलों से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है.


साइबर क्राइम के आंकड़े

जनवरी 1480
फरवरी2092
मार्च 1895
अप्रैल3372
मई4188
जून3239
जुलाई4103
अगस्त 3804
सितंबर 3040
अक्टूबर 3049
नवंबर2634

नई दिल्ली: मोबाइल फोन जो आज रोजमर्रा की जरूरत बन गई है, उसके जरिए लोगों के जेब खाली हो रहे हैं. राजधानी में साइबर क्रिमिनल बहुत ज्यादा एक्टिव हैं, जो मोबाइल फोन के जरिए आपके बैंक खातों को खाली कर सकते हैं. उनके द्वारा ठगी करने के ऐसे-ऐसे नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसके चुंगल में कोई भी आसानी से फंस सकता है.

लॉकडाउन में तेजी से बढ़े साइबर क्राइम के मामले
लॉकडाउन में दर्ज हुए सबसे ज्यादा मामले राजधानी में लॉकडाउन के दौरान साइबरक्राइम के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. साइबर सेल के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद साइबर क्रिमिनल सबसे ज्यादा एक्टिव हुए. साइबर सेल से प्राप्त डाटा के अनुसार मार्च में जहां साइबर अपराध के 1895 शिकायतें आई थीं, वहीं अप्रैल में यह शिकायतें बढ़कर 3372 हो गईं. मई में 4188 मामले सामने आए तो वही जून में 3239 शिकायतें दर्ज की गईं. वहीं जैसे-जैसे अनलॉक होता गया, वैसे-वैसे मामले भी कम होते चले गए.अलग-अलग तरीकों से हुई ठगीसाइबर सेल के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान ठगों ने अलग-अलग तरीकों से लोगों के साथ ठगी की. ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान लोग ठगे गए तो वहीं नौकरी के लिए फर्जी वेबसाइट तक बनाई गई. कुछ लोगों को व्हाट्सएप लिंक के जरिए ठगा गया और भी कई तरह के मामले लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराध से जुड़े सामने आए हैं.वीडियो कॉल के जरिए हो रही धोखाधड़ी साइबर सेल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान धोखाधड़ी का एक नया तरीका साइबर अपराधियों द्वारा अपनाया जा रहा है. जिसमें साइबर अपराधी किसी न किसी माध्यम से सामने वाले शख्स को वीडियो कॉल पर जुड़ने के लिए कहते हैं. जब वह शख्स उनके झांसे में आकर वीडियो कॉल जॉइन करता है तो उसकी वीडियो को रिकॉर्ड कर लिया जाता है और उसमें एडिटिंग के जरिए अश्लील वीडियो ऐड कर दी जाती है. इसके बाद वह वीडियो उसी शख्स को भेजा जाता है और यह धमकी दी जाती है कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उसकी वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा. पिछले 2 महीने में इस तरह की अब तक 100 से ज्यादा शिकायतें साइबर सेल को मिल चुकी हैं. जिनकी जांच की जा रही है.फेसबुक के जरिए हो रही धोखाधड़ी

अश्लील वीडियो के अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए भी लोगों को ठगा जा रहा है. उनके निशाने पर ऐसे लोग होते हैं, जो अपनी छोटी से छोटी जानकारी भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. ऐसे लोगों को ठगने के लिए साइबर अपराधी पहले उनकी फेक प्रोफाइल बनाते हैं और उनके परिचितों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद उनके दोस्तों से पैसे की डिमांड की जाती है, जिसके बाद लोगों को पता चलता है कि उनके नाम पर धोखाधड़ी हुई है.

मेवात बना साइबर अपराधियों का गढ़
साइबर सेल से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी दिल्ली में ना बैठ कर पड़ोसी राज्य हरियाणा के मेवात में बैठे हैं और वहीं से इस पूरे गैंग को ऑपरेट किया जाता है. कई मामलों की छानबीन के दौरान यह पता चला है कि साइबर अपराधी मेवात में बैठकर अपने लोगों के जरिए राजधानी दिल्ली में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

तेलंगाना और असम के सिम के जरिए हो रही धोखाधड़ी
असम और तेलंगाना के मोबाइल सिम के जरिए राजधानी दिल्ली के लोगों को ठगा जा रहा है तो वहीं जामताड़ा के अपराधी पश्चिम बंगाल की सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं. अधिकारी बताते है कि कुछ दिनों पहले जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को 14 हजार फर्जी नंबर मिले थे, जो सभी मेवात क्षेत्र में एक्टिव थे. इस बारे में दूरसंचार विभाग को भी सूचित किया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.



सावधानी ही है बचाव
इस पूरे मामले पर साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के जानकार रिटायर्ड एसीपी वेद भूषण ने बताया कि साइबर क्राइम से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है. अगर मोबाइल पर कोई ऐसा मैसेज आता है तो उसे अच्छे से पढ़ने के बाद ही किसी लिंक पर क्लिक करना चाहिए. कोई भी बैंकिंग या इंश्योरेंस कंपनी कभी डायरेक्ट अपने कस्टमर से कॉल या मैसेज के जरिए बात नहीं करती तो इसलिए ऐसे मामलों से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है.


साइबर क्राइम के आंकड़े

जनवरी 1480
फरवरी2092
मार्च 1895
अप्रैल3372
मई4188
जून3239
जुलाई4103
अगस्त 3804
सितंबर 3040
अक्टूबर 3049
नवंबर2634
Last Updated : Dec 30, 2020, 10:43 AM IST
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