नई दिल्ली: व्यापारियों को दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 का बेसब्री से इंतजार है. केंद्र सरकार के मंत्री समूह की मंजूरी मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा. चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को इसको लेकर पत्र लिखा है.
मास्टर प्लान का कर रहे इंतजार: सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दो साल से अधिक समय बीत गया है और ट्रेडर्स मास्टर प्लान 2041 के लागू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मार्च की शुरुआत में ही ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी थी. अप्रैल के मध्य में अधिसूचना के लिए ड्रॉफ्ट को केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया था, लेकिन अभी तक इसको लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई है. इसके लिए जल्द से जल्द नोटिफिकेशन जारी होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि होटल, रेस्टोरेंट, इंडस्ट्री, बैंक्वेट, सैलून व गोदाम को लेकर व्यापारियों के मन में कई सवाल हैं. जैसे- दिल्ली में जो दुकानें सील पड़ी हैं, उनकी डीसीलिंग प्रक्रिया में कितनी ढील दी जाएगी? वेयरहाउस को कितना कवर किया है? एप्लिकेबल फेडरल रेट (एफएआर) किस तरह बढ़ेगा? पार्किंग और मार्केट रीडिवलेपमेंट को लेकर कैसा प्रोविजन होगा? बहुत से बाजार शिफ्ट होने हैं, उसके लिए क्या दिशा-निर्देश होंगे? वहीं नाइट लाइफ को बढ़ावा देने के लिए नाइट शॉपिंग में क्या सहूलियत मिलेगी? टूरिज्म सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मास्टर प्लान का क्या योगदान रहेगा?
बृजेश गोयल ने कहा कि अधिसूचना जारी होने पर ट्रेडर्स और फैक्ट्री ओनर की शंकाओं का समाधान होगा. अभी भी दिल्ली में सीलिंग की तलवार लटक रही है और व्यापारियों को लगता है कि मास्टर प्लान 2041 लागू होने के बाद हो सकता है सीलिंग से राहत मिल जाए.
20 के बजाए 10 साल का हो मास्टर प्लान: वहीं सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि, अभी तो हम इंतजार कर रहे हैं कि मास्टर प्लान 2041 का नोटिफिकेशन कब आएगा? फिर भी सीटीआई की मांग रही है कि यह 20 साल के बजाए 10 साल का होना चाहिए. शहरीकरण बहुत तेजी से हो रहा है. अगले 20 साल में क्या होगा, इसका अंदाजा अभी से लगा पाना मुश्किल है. मास्टर प्लान का समय-समय पर रिव्यू होना चाहिए. अधिसूचना आने पर यह देखा जाएगा की मार्केट और वेयरहाउसिंग पर कितना फोकस किया गया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन हब है, लेकिन यहां निर्माण कम होता है. यहां रिटेल और होलसेल मार्केट डिवलेप होने चाहिए. प्लान ऐसा होना चाहिए, जिससे व्यापारी को अनधिकृत तौर पर काम करने की जरूरत नहीं हो. इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा और कारोबार भी आराम से होता रहेगा. किसी जमाने में कनॉट प्लेस बनाया गया था, उसी की तर्ज पर रिटेल और होलसेल बनाए जाएं, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो. साथ ही ड्रेनेज सिस्टम और ग्रीन एरिया पर भी ध्यान दिया जाए. और तो और 'वॉक टू वर्क' की तर्ज पर प्लान बनेगा, तो ट्रैफिक की समस्या भी कम होगी.
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2021 अनुमोदित हुआ था एमपीडी-2041: मास्टर प्लान फॉर दिल्ली (एमपीडी)- 2041 के ड्राफ्ट को पहली बार 13 अप्रैल 2021 को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था. उसी साल जून में वेबसाइट पर जनता के सुझावों और आपत्तियों को भी आमंत्रित किया गया था. अक्टूबर 2021 में डीडीए ने बताया कि उसे निर्धारित समय अवधि में लगभग 33,000 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए. इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता वाली डीडीए की सलाहकार परिषद ने पिछले अप्रैल में आपत्तियों और सुझावों को शामिल करते हुए मसौदे की समीक्षा की थी.
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