नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित सीटीईटी परीक्षा सात जुलाई को सफलतापूर्वक आयोजित हुई. बता दें कि सीटीईटी की परीक्षा के लिए कुल 20,84,174 छात्रों ने पंजीकरण करवाया था, जिसमें से 1,40,014 छात्रों ने परीक्षा दी.
104 शहरों में आयोजित हुई परीक्षा
बता दें कि इस बार सीबीएसई ने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. जिसके तहत सभी अभ्यर्थियों को डिजिटल अंक प्रपत्र और पात्रता प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. सीटीईटी परीक्षा 7 जुलाई को देश के104 शहरों में आयोजित की गई. इस परीक्षा में कुल 20,84,174 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण करवाया था. जिसमें से 1,40,014 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. वहीं पेपर-1 की परीक्षा के लिए कुल 8,17,894 पंजीकरण हुए थे, जिसमें से 5,40,649 छात्रों ने परीक्षा दी.
वहीं पेपर-2 के लिए 4,27,897 छात्रों ने पंजीकरण करवाया था, जिसमें से 2,74,438 ने परीक्षा दी. जबकि 8,38,383 अभ्यर्थी ऐसे थे, जिन्होंने पेपर-1 और पेपर-2 दोनों के लिए ही पंजीकरण करवाया था. जिसमें से 5,84,927 छात्रों ने पेपर दिया.
4308 प्रेक्षक की हुई तैनाती
ज्ञात हो कि पेपर-1 की परीक्षा कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ाने वाले पीआरटी शिक्षकों के लिए होती है, जबकि पेपर 2 की परीक्षा छठवीं से आठवीं तक पढ़ाने वाले टीजीटी शिक्षकों के लिए होती है.
वहीं सीबीएसई की परीक्षा शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से हो सके, इसके लिए सीबीएसई द्वारा 114 सिटी कोऑर्डिनेटर, 2942 केंद्र व्यवस्थापक, 4308 प्रेक्षक एवं बोर्ड के 825 अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात किए गए थे. बता दें कि सीबीएसई ने पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति अपनी सजगता एवं प्रतिबद्धता के चलते हरित पहल की है. इस पहल के तहत सीटेट की परीक्षा में भाग लेने वाले सभी परीक्षार्थियों को अंक प्रपत्र और परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों को पात्रता प्रमाण पत्र उनके डिजी लॉकर खाते में डिजिटल स्वरूप में प्रदान किया जाएगा.
दस्तावेजों का प्रमाणीकरण आसानी से होगा
वहीं छात्रों के दस्तावेजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने अंक प्रपत्र और पात्रता प्रमाण पत्र को क्यूआर कोड से युक्त रखा है. इस क्यूआर कोड को स्कैन किया जा सकता है, जिसकी पुष्टि डीजी लॉकर मोबाइल ऐप के माध्यम से की जा सकेगी.
इस पहल को लेकर सीबीएसई का मानना है कि अंक प्रपत्र और पात्रता प्रमाण पत्र डिजिटल स्वरूप में प्रदान करने से परीक्षार्थियों का डिजिटल सशक्तिकरण होगा. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक अंक पत्र और पात्रता प्रमाण पत्र मिलने की वजह से कागजों का प्रयोग कम से कम किया जा सकेगा. जिससे पर्यावरण सुरक्षा में भी सहयोग होगा. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जारी इन दस्तावेजों की सत्यता का प्रमाणीकरण भी आसानी से हो सकेगा.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने दी बधाई
सीबीएसई का कहना है कि डिजिटल रूप में अंकपत्र और प्रमाण पत्र जारी करने से विभागों का प्रशासनिक कार्य भार कम हो जाएगा. साथ ही धन राशि की भी बचत होगी. इससे परीक्षार्थियों को भी लाभ होगा. क्योंकि डिजिटल होने की वजह से उनके अंक प्रपत्र कहीं भी उपलब्ध हो सकेंगे. साथ ही वे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपने अंक प्रपत्र और पात्रता प्रमाण पत्रों को मनचाही जगह जरूरत अनुसार साझा भी कर सकेंगे.
बता दें कि सीटीईटी परीक्षा के 12वें संस्करण के पूरे देश के 104 शहरों में हुए सफलतापूर्वक आयोजन पर मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने बोर्ड की उपाध्यक्ष अनीता करवाल और सचिव अनुराग त्रिपाठी को बधाई दी.