नई दिल्ली: जी-20 सम्मेलन का रविवार को समापन होने के बाद सोमवार से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लगी सभी पाबंदियां हटा दी गईं. प्रतिबंध हटने के बाद सोमवार को दिल्ली के सभी बड़े अस्पताल में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों की भीड़ उमड़ने की प्रमुख वजह शुक्रवार और शनिवार को जी-20 की पाबंदियों के चलते असुविधा से बचने के लिए मरीजों का अस्पताल न आना रहा.
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शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली के अस्पतालो में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले काफी कम रही थी. आज अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या की बात करें तो इहबास अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार और शनिवार को मात्र 300-400 मरीज पहुंचे थे. जबकि आज 2000 से ज्यादा मरीज अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे.
इसी तरह जीटीबी अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार व शनिवार को 12 सौ के करीब मरीज पहुंचे थे, जबकि आज करीब 4000 मरीज अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे. अगर दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक की बात करें तो अस्पताल की ओपीडी में आज करीब 6000 मरीज पहुंचे, जबकि शुक्रवार को जी-20 की पाबंदियों के चलते अस्पताल की ओपीडी में मात्र 2200 मरीज ही पहुंचे थे.
इसी तरह दिल्ली सरकार के अन्य बड़े अस्पतालों जीबी पंत, बाबा साहेब आंबेडकर, दीन दयाल उपाध्याय, एम्स, सफदरजंग और आराम आरएमएल में भी मरीजों की संख्या शुक्रवार और शनिवार के मुकाबले 3 गुने से भी अधिक रही.
लोकनायक में जी-20 की ड्यूटी में लगे 13 कर्मी तबीयत बिगड़ने पर हुए भर्ती
लोकनायक अस्पताल में जी-20 की ड्यूटी में लगे हुए 13 कर्मियों को तबियत बिगड़ने पर भर्ती कराया गया था. अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इन 13 मरीजों में तीन सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे. तीनों जवानों की ड्यूटी राजघाट पर विदेशी मेहमानों के आगमन के चलते लगाई गई थी. वहां पर गर्मी और उमस के कारण इन जवानों और अन्य कर्मियों की तबीयत बिगड़ गई. सुरेश कुमार ने बताया कि समिट के दौरान किसी भी वीवीआईपी मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया. बताया कि इन सभी 13 मरीजों को तबीयत ठीक होने पर सोमवार को छुट्टी दे दी गई.
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