नई दिल्ली: शनिवार और रविवार की अर्ध रात्रि में इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण लगा है. अमूमन चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के दौरान सनातन परंपरा के मंदिर बंद रहते हैं. वहीं कालकाजी मंदिर एक ऐसा मंदिर है जो सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान बंद नहीं होता है. इस मंदिर पर माता की असीम कृपा है जिसके कारण चाहे चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण, मां के कपाट खुले रहते हैं और इस दौरान यहां पर विशेष पूजा होती है.
चंद्र ग्रहण पर उमड़ी भीड़: साल 2023 के अंतिम चंद्रग्रहण से पहले दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में चंद्र ग्रहण के सूतक काल में भक्तों का हुजूम उमड़ा हैं. शनिवार की रात चंद्र ग्रहण लग रहा है और भारत में चंद्र ग्रहण का समय रात्रि के 1:04 से लेकर 2:24 तक है. बता दें चंद्रग्रहण से 9 घंटा पहले सूतक लग जाता है और सूतक के दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं सूतक लगने का समय शनिवार शाम 4:04 से ही है. वही सूतक के दौरान कालकाजी मंदिर में माता की विशेष पूजा की गई और यहां पर इस दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ी रही.
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मंदिर में हुई विशेष पूजा: कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटा पहले सूतक लग जाता है और इस दौरान मंदिर बंद हो जाते हैं लेकिन कालका जी मंदिर पर विशेष कृपा माता की है और यह मंदिर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान खुला रहता है और यहां माता की विशेष पूजा अर्चना ग्रहण के दौरान होती है. इस दौरान आज यहां पर भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. भक्त बड़ी संख्या में आ रहे हैं और माता के दर्शन कर रहे हैं. उन्होंने बताया की भारत में चंद्र ग्रहण का समय रात्रि के 1:04 से लेकर 2:24 तक हैं. सूतक के दौरान कालकाजी मंदिर में माता की विशेष पूजा की गई और इस दौरान भक्तों का हुजूम उमड़ा रहा.
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