नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जामिया हिंसा के मामले में जेल में बंद शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने शरजील के खिलाफ समन जारी कर 1 सितंबर को पेश होने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता के तहत दाखिल चार्जशीट के मामले में जरूरी अनुमति नहीं लेने की वजह से संज्ञान नहीं लिया. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने सक्षम प्राधिकार से राजद्रोह के मामले में अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक वो लंबित है. कोर्ट ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से आरोपी को कोर्ट में पेश करना संभव नहीं है. इसलिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी की जाए.
राजद्रोह और देश की अखंडता के खिलाफ उकसाने का आरोप
पिछले 25 जुलाई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम पर राजद्रोह और देश की एकता अखंडता के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-124ए, 153ए, 153बी, और 505 के तहत आरोप लगाते हुए चार्जशीट किया था. चार्जशीट में शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है.
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम के भाषणों से देश की संप्रभूता और अखंडता को प्रभावित करने की कोशिश की गई है. चार्जशीट में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध की आड़ में शरजील ने एक खास समुदाय के लोगों से चक्का जाम का आह्वान किया और हाईवे ब्लॉक करने के लिए उकसाया.
असम की जेल में बंद है शरजील
शरजील इमाम फिलहाल असम की जेल में बंद है और उसे कोरोना का संक्रमण हो गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 10 जुलाई को शरजील इमाम की उसके खिलाफ जांच की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी.
शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया.