नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू सेशंस कोर्ट ने सीएम केजरीवाल के खिलाफ नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता की ओर से दायर आपराधिक मानहानि केस की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने ये आदेश दिया.
ट्रायल कोर्ट के समन भेजने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सेशंस कोर्ट ने विजेंद्र गुप्ता को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने विजेंद्र गुप्ता को 10 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
ट्रायल कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, लेकिन 17 सितंबर को उन्होंने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली. हाईकोर्ट से याचिका वापस लेने के बाद केजरीवाल ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
कोर्ट ने तय किया था आरोप
1 अगस्त को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप तय किया था. केजरीवाल ने इसी फैसले को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है.
ये है आरोप
ट्रायल कोर्ट में दायर याचिका में विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने उनकी छवि धूमिल करने के लिये कहा कि केजरीवाल की हत्या की साजिश में विजेन्द्र गुप्ता शामिल हैं. विजेंद्र गुप्ता ने इस बयान पर माफी मांगने के लिए केजरीवाल और सिसोदिया को लीगल नोटिस भी भेजा था. लेकिन नोटिस का जवाब ना मिलने पर विजेंद्र गुप्ता ने दोनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया.
केजरीवाल ने किया था ट्वीट
बता दें कि पिछले 18 मई को केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि
भाजपा मुझे क्यों मरवाना चाहती है? मेरा कसूर क्या है? मैं देश के लोगों के लिए स्कूल और अस्पताल ही तो बनवा रहा हूं. पहली बार देश में स्कूल और अस्पताल की सकारात्मक राजनीति शुरू हुई है. भाजपा इसको खत्म करना चाहती है. लेकिन अंतिम सांस तक मैं देश के लिए काम करता रहूंगा
इसके बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि
बीजेपी सीएम की हत्या करवाना चाहती है. विजेंद्र गुप्ता के इस ट्वीट ने साबित कर दिया कि सीएम की डेली सिक्योरिटी की रिपोर्ट रोजाना बीजेपी के पास पहुंच रही है और बीजेपी इसके आधार पर सीएम की हत्या की साजिश रच रही है. इस साजिश में विजेंद्र गुप्ता भी शामिल हैं.
सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के ट्वीट के बाद विजेंद्र गुप्ता ने इन दोनों को लीगल नोटिस भेजा था.