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Delhi Liquor Scam: अमित अरोड़ा की अंतरिम जमानत याचिका खारिज - राउज एवेन्यू कोर्ट

दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी अमित अरोड़ा की अंतरिम जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है. अरोड़ा ने अपनी पत्नी की आपात चिकित्सा के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की थी. वहीं, इसी मामले में गिरफ्तार समीर महेंद्रु की जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.

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Published : Jan 19, 2023, 8:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत की मांग करने वाले अमित अरोड़ा की अर्जी खारिज कर दी. अरोड़ा ने अदालत से पत्नी की सर्जरी के लिए जमानत मांगी थी. इस पर विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कहा कि पहले पत्नी को अस्पताल से सर्जरी की तारीख लेनी चाहिए, तभी यह अदालत अंतरिम जमानत देने के उसके अनुरोध पर विचार कर सकती है. अदालत ने कहा कि आरोपी की पत्नी की चिकित्सा रिपोर्ट की जांच अधिकारी से कराई गई है. इसके मुताबिक सर्जरी को कहा गया है, लेकिन यह आपात स्थिति नहीं है बल्कि योजना के तहत सर्जरी होने की प्रक्रिया है. इसलिए इस सर्जरी को आपात स्थिति नहीं कहा जा सकता.

ईडी ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि अरोड़ा की ओर से दी गई दलीलें यह नहीं दर्शाती हैं कि सर्जरी के लिए कोई वास्तविक योजना बनाई गई है और सर्जरी के लिए कोई तारीख या अस्पताल प्रस्तावित नहीं किया गया है. न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी सर्जरी के आधार पर कुछ अवधि के लिए मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत का हकदार हो सकता है, पर इसे नियमित या आकस्मिक तरीके से जमानत नहीं दी जा सकती.

समीर महेंद्रु की जमानत याचिका पर फैसला टलाः वहीं, समीर महेंद्रु की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कहा कि इस मामले में एक अन्य आरोपी शरद रेड्डी और विनॉय बाबू की जमानत याचिका पर भी बहस की जानी है. ऐसे में इन तीनों जमानत याचिका पर कोर्ट 20 जनवरी को फैसला सुना सकता है.

इसे भी पढ़ें: जी-20 के विदेशी मेहमानों के लिए अंग्रेजी बोलनेवाले पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती, किया जा रहा प्रशिक्षित

बता दें, अरोड़ा को ईडी ने पिछले साल 29 नवंबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने दिनेश अरोड़ा को भी मामले में सरकारी गवाह बनवाया है. इसने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार ने शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए अपनी अब तक की आबकारी नीति 2021-22 के साथ, कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. सत्तारूढ़ AAP ने इस आरोप का खंडन भी किया था.

सीबीआई ने मामले में अपनी पहली चार्जशीट में दावा किया था कि अरोड़ा, सह-आरोपी दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे के साथ, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं और तीनों सक्रिय रूप से पैसों की हेरफेर में शामिल रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Wrestlers Protest: बेनतीजा रही बैठक, पहलवानों ने कहा- जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस का सहारा लेंगे

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत की मांग करने वाले अमित अरोड़ा की अर्जी खारिज कर दी. अरोड़ा ने अदालत से पत्नी की सर्जरी के लिए जमानत मांगी थी. इस पर विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कहा कि पहले पत्नी को अस्पताल से सर्जरी की तारीख लेनी चाहिए, तभी यह अदालत अंतरिम जमानत देने के उसके अनुरोध पर विचार कर सकती है. अदालत ने कहा कि आरोपी की पत्नी की चिकित्सा रिपोर्ट की जांच अधिकारी से कराई गई है. इसके मुताबिक सर्जरी को कहा गया है, लेकिन यह आपात स्थिति नहीं है बल्कि योजना के तहत सर्जरी होने की प्रक्रिया है. इसलिए इस सर्जरी को आपात स्थिति नहीं कहा जा सकता.

ईडी ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि अरोड़ा की ओर से दी गई दलीलें यह नहीं दर्शाती हैं कि सर्जरी के लिए कोई वास्तविक योजना बनाई गई है और सर्जरी के लिए कोई तारीख या अस्पताल प्रस्तावित नहीं किया गया है. न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी सर्जरी के आधार पर कुछ अवधि के लिए मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत का हकदार हो सकता है, पर इसे नियमित या आकस्मिक तरीके से जमानत नहीं दी जा सकती.

समीर महेंद्रु की जमानत याचिका पर फैसला टलाः वहीं, समीर महेंद्रु की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कहा कि इस मामले में एक अन्य आरोपी शरद रेड्डी और विनॉय बाबू की जमानत याचिका पर भी बहस की जानी है. ऐसे में इन तीनों जमानत याचिका पर कोर्ट 20 जनवरी को फैसला सुना सकता है.

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बता दें, अरोड़ा को ईडी ने पिछले साल 29 नवंबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने दिनेश अरोड़ा को भी मामले में सरकारी गवाह बनवाया है. इसने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार ने शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए अपनी अब तक की आबकारी नीति 2021-22 के साथ, कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. सत्तारूढ़ AAP ने इस आरोप का खंडन भी किया था.

सीबीआई ने मामले में अपनी पहली चार्जशीट में दावा किया था कि अरोड़ा, सह-आरोपी दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे के साथ, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं और तीनों सक्रिय रूप से पैसों की हेरफेर में शामिल रहे हैं.

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