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AIIMS सुरक्षाकर्मी से मारपीट मामला: सोमनाथ भारती की अपील पर सुनवाई टली - AIIMS सुरक्षाकर्मी से मारपीट मामला

साल 2016 में एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए. पूर्व मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती की अपील पर सुनवाई दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने टाल दिया है.

court dismiss hearing of somnath bharti on aiims Case
सोमनाथ भारती की अपील पर सुनवाई टली
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Published : Feb 15, 2021, 10:23 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए पूर्व मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती की अपील पर सुनवाई टाल दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले पर रोक लगी
पिछले 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के दो साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा पर रोक लगा दिया था. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दिया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. बता दें कि पिछले 23 जनवरी को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय ने सोमनाथ भारती को सजा सुनाई थी. पिछले 22 जनवरी को कोर्ट ने सोमनाथ भारती को इस मामले में दोषी ठहराया था.

सितंबर 2016 की घटना
कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडेय को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 353, 147 और 149 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया है. घटना 9 सितंबर 2016 की है. एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को एफआईआर दर्ज करायी थी.

एम्स की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आरोप
आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब 300 समर्थकों के साथ नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे. जब एम्स के सुरक्षा अधिकारियों ने जब सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है. इस बाबत जब उनसे कागजात मांगे गए तो वे कोई कागजात नहीं दिखा पाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी औऱ हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आईं. एफआईआर के मुताबिक सोमनाथ भारती के साथ भीड़ ने बाउंड्री वाल पर लगे कटीले तारों को हटा दिया.

पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 323, 147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत चार्जशीट दाखिल किया. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ 20 नवंबर 2018 को धारा 323, 353, 147, 149 के तहत चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए पूर्व मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती की अपील पर सुनवाई टाल दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले पर रोक लगी
पिछले 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के दो साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा पर रोक लगा दिया था. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दिया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. बता दें कि पिछले 23 जनवरी को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय ने सोमनाथ भारती को सजा सुनाई थी. पिछले 22 जनवरी को कोर्ट ने सोमनाथ भारती को इस मामले में दोषी ठहराया था.

सितंबर 2016 की घटना
कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडेय को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 353, 147 और 149 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया है. घटना 9 सितंबर 2016 की है. एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को एफआईआर दर्ज करायी थी.

एम्स की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आरोप
आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब 300 समर्थकों के साथ नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे. जब एम्स के सुरक्षा अधिकारियों ने जब सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है. इस बाबत जब उनसे कागजात मांगे गए तो वे कोई कागजात नहीं दिखा पाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी औऱ हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आईं. एफआईआर के मुताबिक सोमनाथ भारती के साथ भीड़ ने बाउंड्री वाल पर लगे कटीले तारों को हटा दिया.

पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 323, 147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत चार्जशीट दाखिल किया. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ 20 नवंबर 2018 को धारा 323, 353, 147, 149 के तहत चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे.

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