नई दिल्ली/भरतपुरः दिल्ली निवासी महिला करीब एक महीने पहले कोरोना की चपेट में आई थी. ऑक्सीजन लेवल 40 पर पहुंच गया था. मरीज के परिजनों ने राजधानी दिल्ली में उपचार के लिए हर अस्पताल और डॉक्टर का दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं पर बेड खाली नहीं तो कहीं पर स्टॉफ मौजूद नहीं था.
बता दें, दिल्ली निवासी नैना गुप्ता करीब एक महीने पहले कोरोना संक्रमित हो गई थी. दिन-ब-दिन हालात बिगड़ते जा रहे थे. लेकिन दिल्ली के किसी अस्पताल में उन्हें उपचार नहीं मिल रहा था. हालात ये हो गए थे कि महिला मरीज का ऑक्सीजन लेवल 40 पर पहुंच गया था. कहीं डॉक्टर नहीं, कहीं पर बेड नहीं तो कहीं स्टाफ नहीं था.
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आखिरकार, मरीज के बेटे ने किसी के माध्यम से भरतपुर के वैर विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं गृह रक्षा राज्य मंत्री भजन लाल जाटव से संपर्क किया. गृह रक्षा राज्य मंत्री ने 23 अप्रैल को आरबीएम जिला अस्पताल में महिला मरीज को भर्ती करवाया. खुद मरीज नैना गुप्ता ने बताया, आरपीएम जिला अस्पताल में उन्हें बेहतरीन उपचार मिला. यहां के स्टाफ और डॉक्टरों का व्यवहार भी बहुत अच्छा था, जिसकी बदौलत वह 31 दिन में पूरी तरह स्वस्थ हो गई.
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आरबीएम जिला अस्पताल पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया, मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी डाउन था. ऐसे में स्टाफ ने काफी मेहनत के साथ उनका उपचार किया. उपचार के दौरान वो कई बार पॉजिटिव से निगेटिव और निगेटिव से पॉजिटिव हुईं. लेकिन न ही चिकित्सकों ने हिम्मत हारी और न ही मरीज को हिम्मत हारने दी. आखिर में मरीज ने कोरोना से जंग जीत ली और सोमवार को मरीज को अस्पताल से छुट्टी देकर दिल्ली उनके घर के लिए रवाना कर दिया.
अस्पताल से घर लौटते वक्त मरीज नैना गुप्ता ने बताया, यदि वो दिल्ली में होती तो जीवित नहीं रह पाती. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गृह रक्षा राज्य मंत्री भजनलाल जाटव का आभार जताते हुए कहा कि भरतपुर में मिले उपचार की वजह से ही उन्हें दूसरी जिंदगी मिल सकी है.