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कोरोना और लॉकडाउन ने तोड़ी स्टार्टअप्स की कमर, हालात सामान्य होने में लगेगा समय

दिल्ली में आई कोरोना महामारी और फिर लॉकडाउन ने स्टार्टअप लगाने वाले उद्यमियों की कमर तोड़कर रख दी है. जिससे स्टार्टअप बंद होने की कगार में हैं.

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कोरोना और लॉकडाउन ने तोड़ी स्टार्टअप्स की कमर
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Published : May 24, 2021, 2:30 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में वर्तमान समय में कोरोना के चलते हालात काफी नाजुक बने हुए हैं. वहीं पिछले 2 साल से कोविड के चलते पैदा हुए हालात और पिछले साल की तरह इस साल भी लॉकडाउन लगने की वजह से स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापार की कमर पूरी तरीके से टूट गई है. साल 2018 में और उसके बाद दिल्ली में शुरू हुए व्यापार कोरोना की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. व्यापारियों की ना सिर्फ कमर टूट गई है बल्कि बड़े स्तर पर नौकरियां भी गई हैं.

लॉकडाउन ने तोड़ी स्टार्टअप्स की कमर
लगभग 50% स्टार्टअप्स पहुंचे बंद होने की कगार पर

वर्तमान हालातों को लेकर अगर दिल्ली में बात की जाए तो साल 2018 में और उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप वर्तमान समय में भयंकर आर्थिक बदहाली और मंदी की मार से जूझ रहे हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि राजधानी दिल्ली में लगभग 50% से ज्यादा स्टार्टअप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं इन हालातों की वजह से दिल्ली में ना सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी है बल्कि स्टार्टअप बंद करने वाले मालिकों को दोबारा नौकरी की तलाश में लगना पड़ रहा है.

इन स्टार्टअप्स पर पड़ा असर

दिल्ली के अंदर साल 2018 और उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप्स जिनके ऊपर सबसे ज्यादा कोविड ओर लॉक डाउन का असर पड़ा है. उनमें फुटवियर, रेस्टोरेंट, होटल आदि क्षेत्र में व्यापार करने वाले व्यापारी शामिल हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने कहा कि वर्तमान समय में कोविड ओर लॉक डाउन की वजह से पैदा हुए हालातों में स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है. जिसकी वजह से व्यापारियों की परेशानी कई गुना तक बढ़ गई है.

स्टार्ट अप बंद होने से बढ़ेगी बेरोजगारी

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरह से हाल ही के दिनों में बड़ी संख्या में स्टार्टअप क्षेत्र में व्यापार बंद हुए हैं. मंदी के चलते इसका सीधे तौर पर असर रोजगार के क्षेत्र पर पढ़ेगा और बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार होंगे. जिसका आने वाले दिनों में असर मार्केट के अंदर लिक्विड कैश क्रंच के ऊपर भी पड़ेगा.

सिर्फ ऑनलाइन में नहीं हो सकता काम

व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि स्टार्टअप के क्षेत्र में काफी सारे व्यापार ऐसे हैं, जिसमें ऑनलाइन के साथ-साथ मैनुअल काम करने की भी आवश्यकता होती है. जैसे कि फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग रेस्टोरेंट्स होटल का व्यापार जिनके ऊपर बीते कुछ दिनों में लगे लॉकडाउन और कोविड काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है.

स्टार्टअप व्यापार को खड़ा होने में लगेगा समय

वर्तमान समय में कोविड लॉक डाउन के चलते स्टार्टअप व्यापार पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है. जिसके चलते सामान्य हालात हो जाने के बावजूद भी स्टार्टअप को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने में लगभग 6 महीने से 10 महीने तक का समय लगने की उम्मीद व्यापारियों के द्वारा जताई जा रही है.

हालातों के चलते मायूस स्टार्टअप व्यापारी

वर्तमान हालातों में जिस तरह से कॉविड की परिस्थिति हैं और लॉक डाउन दोबारा लगाया गया है. उसकी वजह से व्यापारी काफी ज्यादा मायूस हैं. कई लोगों ने बड़ी मुश्किल से अपनी पूंजी जुटा कर या फिर बैंक से लोन लेकर स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापार की शुरुआत की थी. जिससे कुछ लोगों को रोजगार भी मिला था. लेकिन कोविड के चलते व्यापारियों की मेहनत पर पूरे तरीके से पानी फिर गया है और हालात यह हैं कि स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापारी वहीं पहुंच गए हैं. जहां से उन्होंने शुरुआत की थी बस फर्क इतना है कि हाथ में अब किसी प्रकार की कोई पूंजी नहीं है.

नई दिल्ली: राजधानी में वर्तमान समय में कोरोना के चलते हालात काफी नाजुक बने हुए हैं. वहीं पिछले 2 साल से कोविड के चलते पैदा हुए हालात और पिछले साल की तरह इस साल भी लॉकडाउन लगने की वजह से स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापार की कमर पूरी तरीके से टूट गई है. साल 2018 में और उसके बाद दिल्ली में शुरू हुए व्यापार कोरोना की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. व्यापारियों की ना सिर्फ कमर टूट गई है बल्कि बड़े स्तर पर नौकरियां भी गई हैं.

लॉकडाउन ने तोड़ी स्टार्टअप्स की कमर
लगभग 50% स्टार्टअप्स पहुंचे बंद होने की कगार पर

वर्तमान हालातों को लेकर अगर दिल्ली में बात की जाए तो साल 2018 में और उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप वर्तमान समय में भयंकर आर्थिक बदहाली और मंदी की मार से जूझ रहे हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि राजधानी दिल्ली में लगभग 50% से ज्यादा स्टार्टअप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं इन हालातों की वजह से दिल्ली में ना सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी है बल्कि स्टार्टअप बंद करने वाले मालिकों को दोबारा नौकरी की तलाश में लगना पड़ रहा है.

इन स्टार्टअप्स पर पड़ा असर

दिल्ली के अंदर साल 2018 और उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप्स जिनके ऊपर सबसे ज्यादा कोविड ओर लॉक डाउन का असर पड़ा है. उनमें फुटवियर, रेस्टोरेंट, होटल आदि क्षेत्र में व्यापार करने वाले व्यापारी शामिल हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने कहा कि वर्तमान समय में कोविड ओर लॉक डाउन की वजह से पैदा हुए हालातों में स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है. जिसकी वजह से व्यापारियों की परेशानी कई गुना तक बढ़ गई है.

स्टार्ट अप बंद होने से बढ़ेगी बेरोजगारी

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरह से हाल ही के दिनों में बड़ी संख्या में स्टार्टअप क्षेत्र में व्यापार बंद हुए हैं. मंदी के चलते इसका सीधे तौर पर असर रोजगार के क्षेत्र पर पढ़ेगा और बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार होंगे. जिसका आने वाले दिनों में असर मार्केट के अंदर लिक्विड कैश क्रंच के ऊपर भी पड़ेगा.

सिर्फ ऑनलाइन में नहीं हो सकता काम

व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि स्टार्टअप के क्षेत्र में काफी सारे व्यापार ऐसे हैं, जिसमें ऑनलाइन के साथ-साथ मैनुअल काम करने की भी आवश्यकता होती है. जैसे कि फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग रेस्टोरेंट्स होटल का व्यापार जिनके ऊपर बीते कुछ दिनों में लगे लॉकडाउन और कोविड काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है.

स्टार्टअप व्यापार को खड़ा होने में लगेगा समय

वर्तमान समय में कोविड लॉक डाउन के चलते स्टार्टअप व्यापार पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है. जिसके चलते सामान्य हालात हो जाने के बावजूद भी स्टार्टअप को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने में लगभग 6 महीने से 10 महीने तक का समय लगने की उम्मीद व्यापारियों के द्वारा जताई जा रही है.

हालातों के चलते मायूस स्टार्टअप व्यापारी

वर्तमान हालातों में जिस तरह से कॉविड की परिस्थिति हैं और लॉक डाउन दोबारा लगाया गया है. उसकी वजह से व्यापारी काफी ज्यादा मायूस हैं. कई लोगों ने बड़ी मुश्किल से अपनी पूंजी जुटा कर या फिर बैंक से लोन लेकर स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापार की शुरुआत की थी. जिससे कुछ लोगों को रोजगार भी मिला था. लेकिन कोविड के चलते व्यापारियों की मेहनत पर पूरे तरीके से पानी फिर गया है और हालात यह हैं कि स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापारी वहीं पहुंच गए हैं. जहां से उन्होंने शुरुआत की थी बस फर्क इतना है कि हाथ में अब किसी प्रकार की कोई पूंजी नहीं है.

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