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JNU: जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बीच आयोजित हुआ दीक्षांत सामारोह - हॉस्टल मैनुअल को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन

JNU में दीक्षांत सामारोह के दौरान छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्र हॉस्टल मैन्युअल में बढ़ी हुई फीस, ड्रेस कोड, टाइम लिमिट जैसे मुद्दों को लेकर पिछले 12 दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

jnu में तीसरा दीक्षांत सामारोह
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Published : Nov 12, 2019, 8:27 AM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में आयोजित किया गया. इस दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे. जिन्होंने करीब 400 छात्रों को डिग्री प्रदान की.

jnu में तीसरा दीक्षांत सामारोह

हॉस्टल मैनुअल को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन
जहां एक ओर पूर्व छात्रों को डिग्री देकर सम्मानित किया जा रहा था. वहीं पिछले करीब 12 दिनों से हॉस्टल मैनुअल को लेकर विरोध कर रहे छात्रों का प्रदर्शन जारी था.

बता दें कि प्रदर्शन के बीच जेएनयू प्रशासन द्वारा दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाने और छात्रों से कुलपति के ना मिलने के कारण गुस्साए छात्रों ने लगभग पांच बैरिकेट्स तोड़ डाले और समारोह स्थल पर पहुंचकर प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इंसाफ की गुहार लगाई.

वहीं पूर्व छात्रों ने भी प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को जायज बताकर उनका समर्थन किया है. साथ कि जेएनयू प्रशासन से छात्रों की मांगों को मानकर जल्द से जल्द प्रदर्शन खत्म करने और विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल करने की अपील की है.

'वीसी ने नहीं की बात करने की कोशिश'
वहीं डिग्री ले चुके अन्य छात्रों ने जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले आमंत्रित करके डिग्री तो दे दी लेकिन जब अपने छात्र साथियों के विरोध को लेकर वीसी से बात करने की कोशिश की तो वीसी ने हम छात्रों से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा.

पूर्व छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से अपील की है कि वो प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को मानकर विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल करें.


12 दिनों से छात्र कर रहे हैं प्रदर्शन
बता दें कि जेएनयू के नए हॉस्टल मैन्युअल में बढ़ी हुई फीस, ड्रेस कोड, टाइम लिमिट जैसे मुद्दों को लेकर पिछले 12 दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं जेएनयू द्वारा आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों के उग्र होने और बैरिकेट्स तोड़ने को लेकर जेएनयू प्रशासन खासा नाराज दिखा.

वहीं सभी समस्याओं का ठीकरा छात्रों के सर फोड़ते हुए जेएनयू प्रशासन ने कहा कि छात्रों ने समारोह की मर्यादा तोड़ते हुए अभद्र व्यवहार किया और पश्चिमाबाद गेट को भी तोड़ डाला.

छात्रों ने मंत्रियों को नहीं निकलने दिया
जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाया है कि जब छात्रों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने किसी भी तरह का बात करने से साफ इंकार कर दिया. साथ ही दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मानव संसाधन विकास मंत्री और जेएनयू के चांसलर को कई घंटों तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से छात्रों ने बाहर ही नहीं निकलने दिया.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में आयोजित किया गया. इस दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे. जिन्होंने करीब 400 छात्रों को डिग्री प्रदान की.

jnu में तीसरा दीक्षांत सामारोह

हॉस्टल मैनुअल को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन
जहां एक ओर पूर्व छात्रों को डिग्री देकर सम्मानित किया जा रहा था. वहीं पिछले करीब 12 दिनों से हॉस्टल मैनुअल को लेकर विरोध कर रहे छात्रों का प्रदर्शन जारी था.

बता दें कि प्रदर्शन के बीच जेएनयू प्रशासन द्वारा दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाने और छात्रों से कुलपति के ना मिलने के कारण गुस्साए छात्रों ने लगभग पांच बैरिकेट्स तोड़ डाले और समारोह स्थल पर पहुंचकर प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इंसाफ की गुहार लगाई.

वहीं पूर्व छात्रों ने भी प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को जायज बताकर उनका समर्थन किया है. साथ कि जेएनयू प्रशासन से छात्रों की मांगों को मानकर जल्द से जल्द प्रदर्शन खत्म करने और विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल करने की अपील की है.

'वीसी ने नहीं की बात करने की कोशिश'
वहीं डिग्री ले चुके अन्य छात्रों ने जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले आमंत्रित करके डिग्री तो दे दी लेकिन जब अपने छात्र साथियों के विरोध को लेकर वीसी से बात करने की कोशिश की तो वीसी ने हम छात्रों से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा.

पूर्व छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से अपील की है कि वो प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को मानकर विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल करें.


12 दिनों से छात्र कर रहे हैं प्रदर्शन
बता दें कि जेएनयू के नए हॉस्टल मैन्युअल में बढ़ी हुई फीस, ड्रेस कोड, टाइम लिमिट जैसे मुद्दों को लेकर पिछले 12 दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं जेएनयू द्वारा आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों के उग्र होने और बैरिकेट्स तोड़ने को लेकर जेएनयू प्रशासन खासा नाराज दिखा.

वहीं सभी समस्याओं का ठीकरा छात्रों के सर फोड़ते हुए जेएनयू प्रशासन ने कहा कि छात्रों ने समारोह की मर्यादा तोड़ते हुए अभद्र व्यवहार किया और पश्चिमाबाद गेट को भी तोड़ डाला.

छात्रों ने मंत्रियों को नहीं निकलने दिया
जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाया है कि जब छात्रों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने किसी भी तरह का बात करने से साफ इंकार कर दिया. साथ ही दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मानव संसाधन विकास मंत्री और जेएनयू के चांसलर को कई घंटों तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से छात्रों ने बाहर ही नहीं निकलने दिया.

Intro:नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में आयोजित किया गया. बता दें कि इस दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे जिन्होंने करीब 400 छात्रों को डिग्री प्रदान की. जहां एक ओर पूर्व छात्रों को डिग्री देकर सम्मानित किया जा रहा था वहीं पिछले करीब 12 दिनों से हॉस्टल मैनुअल को लेकर विरोध कर रहे छात्रों का प्रदर्शन जारी था. बता दें कि प्रदर्शन के बीच जेएनयू प्रशासन द्वारा दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाने और छात्रों से कुलपति के न मिलने के कारण गुस्साए छात्रों ने लगभग पांच बैरिकेट्स तोड़ डाले और समारोह स्थल पर पहुचकर प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इंसाफ की गुहार लगाई. वहीं पूर्व छात्रों ने भी प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को जायज़ बताकर उनका समर्थन किया है. साथ कि जेएनयू प्रशासन से छात्रों की मांगों को मानकर जल्द से जल्द प्रदर्शन खत्म करने और विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल करने की अपील की है.


Body:वहीं छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर दीक्षांत समारोह में आए पूर्व छात्रों ने कहा कि इस तरह विरोध प्रदर्शन के बीच दीक्षांत समारोह का आयोजन कर जेएनयू प्रशासन छात्रों को आपस में बांटने की कोशिश कर रहा है. छात्रों ने कहा कि समारोह की मर्यादा रखते हुए भले ही उन्होंने खामोशी से डिग्री ग्रहण कर ली हो लेकिन बाहर विरोध कर रहे साथी छात्रों का वो पूरी तरह समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि फीस कई गुना बढ़ाए जाने को लेकर छात्रों का प्रदर्शन गलत नहीं है.

वहीं डिग्री ले चुके अन्य छात्रों ने जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले आमंत्रित करके डिग्री तो दे दी लेकिन जब अपने छात्र साथियों के विरोध को लेकर वीसी से बात करने की कोशिश की तो वीसी ने हम छात्रों से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा. पूर्व छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से अपील की है कि वो प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को मानकर विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल करें.


Conclusion:बता दें कि जेएनयू के नए हॉस्टल मैन्युअल में बढ़ी हुई फीस, ड्रेस कोड, टाइम लिमिट आदि मुद्दों को लेकर पिछले 12 दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं जेएनयू द्वारा आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों के उग्र होने और बैरिकेट्स तोड़ने को लेकर जेएनयू प्रशासन खासा नाराज दिखा. वहीं सभी समस्याओं का थीकरा छात्रों के सर फोड़ते हुए जेएनयू प्रशासन ने कहा कि छात्रों ने समारोह की मर्यादा तोड़ते हुए अभद्र व्यवहार किया और पश्चिमाबाद गेट को भी तोड़ डाला. साथ ही बैरिकेट्स तोड़कर समारोह स्थल तक जबरन पहुंच गए और वहां आकर नारेबाजी, घेराव, आदि किया. जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाया है कि जब छात्रों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने किसी भी तरह का बात करने से साफ इंकार कर दिया. साथ ही दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मानव संसाधन विकास मंत्री और जेएनयू के चांसलर को कई घंटों तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से छात्रों ने बाहर ही नहीं निकलने दिया.
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