नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा के विरोध में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर मौन सत्याग्रह किया. मोदी सरकार पर तानाशाही रवैया और लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए दिल्ली कांग्रेस पार्टी के प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस ने जंतर मंतर पर मौन सत्याग्रह का आयोजन किया. इसमें हारुन यूसुफ, जेपी अग्रवाल, तारिक अनवर, अजय माकन, कृष्णा तीरथ जैसे नेता शामिल हुए.
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मणिपुर का एक वीडियो सामने आया था. इसमें पुरुषों के एक ग्रुप द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाते हुए देखा गया था. यह वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है. यह घटना इसी साल मई में हुई थी. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार की लापरवाही के चलते कई महीनों तक मणिपुर जलता रहा, लेकिन सरकार ने कोई कदम न उठाकर मणिपुर को जलता छोड़ दिया.
इससे पहले मणिपुर हिंसा को लेकर 20 जुलाई को भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान दिल्ली की सड़कों पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए थे. शनिवार को मणिपुर के छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी से मिलकर, पढ़ाई में सहयोग की अपील की है. इतना ही नहीं कुकी समुदाय के लोगों ने मणिपुर के घटना को लेकर जंतर-मंतर पर प्रर्दशन करते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जमकर आलोचना की.
उन्होंने कहा कि मणिपुर में अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र जान बचाकर दिल्ली पहुंचे हैं. वहां के हालात बहुत खराब हैं. दंगाइयों को काबू करने में सरकार विफल रही है. लोगों की हत्या हो रही है. महिलाओं की अस्मिता से खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूल-कॉलेज बंद हैं.
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