नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक शुक्रवार को संपन्न हो गई. इसके बाद शाम साढ़े चार बजे जब इसके बारे में जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो उसमें आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा पार्टी के सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा दिखाई नहीं दिए. वह बैठक खत्म होने के बाद अन्य राजनीतिक दलों से अलग होकर चले गए.
केजरीवाल की बैठक से विदा होने के बाद पार्टी ने जो स्टेटमेंट जारी किया है, उसमें अध्यादेश को लेकर कांग्रेस की बेरुखी से आम आदमी पार्टी की निराशा साफ झलक रही है. इस संबंध में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके प्लेन का समय जल्दी था इसलिए वे चले गए. अन्य पार्टी के नेता भी निर्धारित समय पर अब यहां से गंतव्य के लिए रवाना होंगे.
बिना नाम का AAP ने जारी किया स्टेटमेंटः विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने बिना किसी नाम से एक स्टेटमेंट जारी किया. इसमें साफ लिखा है कि विपक्षी दलों की बैठक में अध्यादेश को लेकर कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं है. अब कांग्रेस तय करें वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ. आम आदमी पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि काले अध्यादेश का उद्देश्य ना केवल दिल्ली में एक निर्वाचित सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है, बल्कि यह देश के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी महत्वपूर्ण खतरा है. यदि इसे चुनौती न दी गई तो इसके खतरनाक प्रवृत्ति अन्य सभी राज्यों में फैल सकती है.
जानिए, वो अहम प्रशासनिक, राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण जिसके चलते कांग्रेस ने अध्यादेश पर रुख स्पष्ट नहीं किया...
3. कानूनी कारणः सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले का पैरा 95 केंद्र सरकार को कानून में संशोधन करने की अनुमति प्रदान करता है. इसमें कहा गया है, "अगर संसद एनसीटीडी के अधिकार क्षेत्र के भीतर किसी भी विषय पर कार्यकारी शक्ति प्रदान करने वाला कानून बनाती है, उपराज्यपाल की कार्यकारी शक्तियों को उस सीमा तक संशोधित किया जाएगा, जैसा कि उस कानून में प्रावधान किया गया है.
12 में से 11 पार्टी ने दिया साथः स्टेटमेंट में कहा गया है कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों की सत्ता छीन ली जा सकती है. इसीलिए इस अध्यादेश को हराना महत्वपूर्ण है. पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक में कुल 15 राजनीतिक दल शामिल थे. जिनमें से 12 का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में है. कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी 11 दलों ने अध्यादेश के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त किया है. घोषणा की है कि वे राज्यसभा में इसका विरोध करेंगे. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है, जो सभी मुद्दों पर एक स्टैंड लेती है, लेकिन अभी तक काले अध्यादेश पर अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया है.
कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाई ने घोषणा की है कि पार्टी को इस मुद्दे पर मोदी को सरकार को समर्थन करना चाहिए. पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक के दौरान कई दलों ने कांग्रेस से काले अध्यादेश को सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इनकार कर दिया. कांग्रेस की चुप्पी उसके वास्तविक इरादों पर संदेह पैदा करती है.
-आम आदमी पार्टी, बैठक के बाद जारी बयान में बोली
इस कानून के समर्थन के बिना गठबंधन में शामिल होना मुश्किलः आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस की झिझक और टीम प्लेयर के रूप में कार्य करने से इनकार करने पर आम आदमी पार्टी के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना मुश्किल हो जाएगा. जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से काले अध्यादेश की निंदा नहीं करती और विरोध की घोषणा नहीं करती है. हम साथ नहीं आ सकते.
-
#WATCH अरविंद केजरीवाल को यह पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है। जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी: अरविंद केजरीवाल के 'अध्यादेश पर कांग्रेस का समर्थन न मिलने पर वॉकआउट करने' के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष… pic.twitter.com/X3uDjRpXSj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH अरविंद केजरीवाल को यह पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है। जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी: अरविंद केजरीवाल के 'अध्यादेश पर कांग्रेस का समर्थन न मिलने पर वॉकआउट करने' के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष… pic.twitter.com/X3uDjRpXSj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2023#WATCH अरविंद केजरीवाल को यह पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है। जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी: अरविंद केजरीवाल के 'अध्यादेश पर कांग्रेस का समर्थन न मिलने पर वॉकआउट करने' के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष… pic.twitter.com/X3uDjRpXSj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2023
बैठक से पहले खड़गे ने यह कहा थाः बैठक से पहले आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में कहा था कि अरविंद केजरीवाल को पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है. जब संसद शुरू होगा तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी.
-
Our statement on the meeting of political parties on June 23, 2023, in Patna.#OppositionMeeting pic.twitter.com/Mb3u1G75Cf
— AAP (@AamAadmiParty) June 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Our statement on the meeting of political parties on June 23, 2023, in Patna.#OppositionMeeting pic.twitter.com/Mb3u1G75Cf
— AAP (@AamAadmiParty) June 23, 2023Our statement on the meeting of political parties on June 23, 2023, in Patna.#OppositionMeeting pic.twitter.com/Mb3u1G75Cf
— AAP (@AamAadmiParty) June 23, 2023
यह भी पढ़ेंः